कमलनाथ ने सरकार को चेताया, 2 महीने में पंचायत चुनाव कराए, नहीं तो होगा आंदोलन
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कमलनाथ ने सरकार को चेताया, 2 महीने में पंचायत चुनाव कराए, नहीं तो होगा आंदोलन

ऑर्डिनेंस के जरिए शिवराज सरकार एक ऐसा काला कानून लेकर आई जिसमें न रोटेशन का पालन किया गया, न परिसीमन का और न आरक्षण का, इसी काले कानून की वजह से चुनाव रद्द हो गए. 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रेसवार्ता करते हुए

भोपाल: मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर एक बार फिर शिकायत गर्माती दिख रही है. अब कांग्रेस पार्टी ने चुनाव अटकने का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ा है. साथ ही कहा है कि अगर प्रदेश की सरकार 2 महीने के भीतर परिसीमन, रोटेशन और ओबीसी आरक्षण के साथ ग्राम पंचायत चुनाव नहीं कराती तो काग्रेस पार्टी जिला स्तर, ब्लॉक स्तर से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक आंदोलन करेगी. यह बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कही है. 

  1. सरकार के काले कानून की वजह से नहीं हो सके पंचायत चुनाव
  2. दो महीने के भीतर परिसीमन, रोटेशन और ओबीसी आरक्षण हो
  3. पंचायत चुनाव नहीं हुए तो कांग्रेस गांव-गांव में करेगी आंदोलन 

कमलनाथ ने आज अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले 7 साल से पंचायत के चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. इसकी मुख्य वजह भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओबीसी और आरक्षण विरोधी नीति है. ऑर्डिनेंस के जरिए शिवराज सरकार एक ऐसा काला कानून लेकर आई जिसमें न रोटेशन का पालन किया गया, न परिसीमन का और न आरक्षण का, इसी काले कानून की वजह से चुनाव रद्द हो गए. 

जानिए शिवराज ने क्या कहा?

कोर्ट में मजबूत नहीं दिखी शिवराज सरकार
पंचायत चुनाव के मुद्दे पर कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने परिसीमन और रोटेशन का मुद्दा उठाया था, लेकिन जब कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया तो सरकार के वकीलों ने कोई आपत्ति नहीं की. सरकार को तुरंत माननीय उच्चम न्यायालय से अपने आदेश को रीकॉल करने का निवेदन करना चाहिए था, जो नहीं किया गया. अगले दिन ही सरकार को पुनर्विचार याचिका लगानी चाहिए थी जो नहीं लगाई गई. कमलनाथ ने कहा कि यह तो संयोग है कि उस समय विधानसभा का सत्र चल रहा था, जहां कांग्रेस पार्टी स्थगन प्रस्ताव लेकर आई और उसके बाद सदन ने ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराए जाने के बारे में संकल्प पारित किया. लेकिन बाद में पलट गई. भारतीय जनता पार्टी का चरित्र पूरी तरह से ओबीसी विरोधी है.

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आरक्षण तो क्या OBC स्कॉलरशिप तक नहीं दे पाई सरकार
पत्रकारवार्ता में कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान 15 साल से मुख्यमंत्री हैं, भाजपा के तीन मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन क्या कभी भाजपा ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव सदन में रखा. पिछले 2 साल से ओबीसी स्कॉलरशिप का 1210 करोड़ रुपए बकाया है और यह स्कॉलरशिप वितरित नहीं हो पा रही है.

बारिश से बर्बाद फसलों को मिले तुरंत मुआवजा
कमलनाथ ने ओलावृष्टि से किसानों की फसलों के नुकसान की तुरंत भरपाई का मुद्दा उठाया. कहा कि जब 2020 का बीमा अब तक नहीं मिला है तो 2022 में हुए ओला वृष्टि का पैसा 2024 में भी मिल जाए तो बड़ी बात है. सरकार को तुरंत मुआवजे के रूप में किसानों को यह पैसा देना चाहिए और जब बीमे की रकम सरकार को मिल जाए तो वह पैसा उसमें से काटा जा सकता है, लेकिन बीमा के भुगतान में देरी के लिए भी सरकार ही जिम्मेदार है.

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पीएम की सुरक्षा मिलनी चाहिए थी
यूपी में होने जा रहे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कमलनाथ ने कहा कि कम समय में ही प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में उत्साह का माहौल पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो चुनाव परिणाम आएंगे, उन पर लोगों को ताज्जुब होगा. पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई कथित लापरवाही के मुद्दे पर उनका कहना था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा पूरे देश के मान सम्मान का विषय होती है. सुरक्षा की पूरी जांच होनी चाहिए, उन्हें समुचित सुरक्षा दी जानी चाहिए. लेकिन उस पर राजनीति करना सही नहीं है.

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