प्रमोद सिन्हा/खंडवा: खंडवा में लगभग 10 वर्ष पूर्व 9 वर्षीय बालिका के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले में जिला न्यायालय ने आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है. घटना 30 जनवरी 2013 की है. पुलिस ने तत्काल ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. न्यायालय ने भी तत्काल सुनवाई करते हुए 2 महीने में ही आरोपी अनोखी लाल को धारा 302 एवं विभिन्न धाराओं के तहत मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. इस मामले की हाई कोर्ट ने भी पुष्टि की थी. उसके बाद आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसले को यथावत रखते हुए पुनर्विचार करने के लिए खंडवा न्यायालय भेजा था. खंडवा न्यायालय ने आज इसे यथावत रखते हुए आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई है.


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POCSO के तहत मामला दर्ज किया था
दरअसल मामला 30 जनवरी 2013 का है. जब खालवा थाना क्षेत्र के लंगोटी गांव में 9 वर्षीय बालिका को पास ही के गांव दाभिया के रहने वाले अनोखीलाल पिता सीताराम ने बहला फुसला कर अपहरण किया था. दूसरे दिन छैगांव माखन थाने के सुरगांव जोशी गांव के पास एक खेत में बालिका की लहूलुहान लाश मिली थी. पुलिस ने तत्काल ही आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या,अपहरण एवं बालकों के लैंगिक अपराध संरक्षण अधिनियम (Protection of Children from Sexual Offenses Act) के तहत मामला दर्ज किया था. 


तत्कालीन जिला सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश (District Sessions Judge and Special Judge) ने दो महीने के भीतर मुकदमे की सुनवाई पूरी की और आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी. बाद में हाईकोर्ट ने भी इस फैसले की पुष्टि की. उसके बाद आरोपी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसी को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खंडवा कोर्ट को भी पुनर्विचार के लिए भेज दिया था. आज जिला अदालत ने फैसले को यथावत रखते हुए आरोपी अनोखीलाल सीताराम को मौत की सजा सुनाई है. इस मामले को दुर्लभतम से दुर्लभतम जघन्य अपराध मानते हुए अदालत ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने में कोई नरमी नहीं बरती.