MP News: मध्य प्रदेश में चार चरणों में चुनाव संपन्न हो चुका है. चारों चरण के चुनाव खत्म होने के बाद अब मध्य प्रदेश BJP ने राज्य के सभी विधायकों से लोकसभा चुनाव को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में जिन-जिन विधानसभा क्षेत्रों में कम वोटिंग हुई है उसका कारण भी पूछा गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद नेतृत्व इस परआंकलन करेगा. माना जा रहा है कि 30 मई के बाद कभी भी रणनीतिकारों की बैठक बुलाई जा सकती है. 


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सभी विधायकों से मांगी गई रिपोर्ट
मध्य प्रदेश BJP ने राज्य में अपने सभी विधायकों से लोकसभा चुनाव को लेकर रिपोर्ट मांगी है. अब तक करीब आधे से ज्यादा विधायक अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं, जबकि कई विधायक फिलहाल चुनावी प्रचार में व्यस्त हैं. ऐसे में उनकी रिपोर्ट का इंतजार है. इसके बाद रिपोर्ट का आंकलन होगा. 


रिपोर्ट का होगा आंकलन
सभी विधायकों से रिपोर्ट मिलने के बाद प्रभारी और सह प्रभारी सहित प्रदेश बीजेपी के दिग्गज बीजेपी नेता रिपोर्ट का आंकलन करेंगे. विधायकों द्वारा भेजी जाने वाली रिपोर्ट और पार्टी के जरिए तैयार कराई गई रिपोर्ट का मिलान किया जाएगा. इसके आधार पर ही विधायकों का आंकलन होगा, जो उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगा. खासतौर पर मंत्रियों के बारे में रिपोर्ट के आधार पर महत्वपूर्ण आंकलन होगा. 


30 मई के बाद कभी भी हो सकती है मीटिंग
रिपोर्ट पेश होने के बाद 30 मई के बाद कभी भी BJP के रणनीतिकारों की बैठक बुलाई जा सकती है. दरअसल,  30 मई तक CM मोहन यादव और प्रदेश BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनावी प्रचार के लिए दूसरे राज्यों में व्यस्त हैं. ऐसे में 30 मई के बाद कभी भी मीटिंग बुलाई जा सकती है. इस बैठक में शामिल होने के लिए MP चुनाव प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह, सह प्रभारी सतीश उपाध्याय भी मध्य प्रदेश पहुंचेंगे. प्रभारी और सह प्रभारी सहित प्रदेश BJP के दिग्गज नेता रिपोर्ट का आंकलन करेंगे. 


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अमित शाह दे गए थे चेतावनी
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दूसरे चरण की वोटिंग के पहले MP प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ एक मीटिंग की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि जिन मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र में मतदान प्रतिशत कम होगा, उनका पद चला जाएगा. वहीं, उन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, जिनके क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ेगा. 


रिपोर्ट में पूछे गए ये सवाल 
-विधायकों के क्षेत्र में वोट प्रतिशत कैसा रहा?
-बूथ वार वोट प्रतिशत की स्थिति कैसी रही?
-किन-किन बूथों पर पिछले चुनावों की तुलान में वोट ज्यादा पड़े?
-जहां वोट कम पड़ा वहां वोट, उसका पार्टी के अनूकूल परिणाम पर कितना असर पड़ेगा?
-वोट प्रतिशत कम होने की मूल वजय?
-विधायक ने मतदान बढ़ाने के लिए क्या-क्या प्रयास किए?
-पार्टी के किस नेता ने अथक मेहनत की, किसने की फॉर्मेलिटी?
-विधायकों ने प्रचार के दौरान गांवों में कितनी रातें बिताईं?


इनपुट- भोपाल से अजय दुबे की रिपोर्ट, ZEE मीडिया 


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