मध्यप्रदेश उपचुनाव (Madhya Pradesh By Election) में बीजेपी ने खंडवा लोकसभा के लिए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट दिया गया है, जबकि विधनसभा में रैगांव से प्रतिमा बागरी, जोबट से सुलोचना रावत और पृथ्वीपुर से शिशुपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है.
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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लंबे समय से बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) उपचुनाव की तैयारियों को लेकर कमर कस कर बैठी है. प्रदेश में एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (By Election) में सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) और पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) के बीच कांटे की टक्कर होनी है. ये चुनाव कई मायने में महत्वपूर्ण है. एक तरफ इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के ट्रेलर की तरह देखा जा रहा है. दूसरी तरफ ये परीक्षा प्रदेश के दोनों ही दिग्गज नेताओं यानि शिवराज सिंह और कमलनाथ की प्रतिष्ठा का सवाल है. उपचुनाव (By Election) में बीजेपी ने खंडवा लोकसभा के लिए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट दिया गया है, जबकि विधनसभा में रैगांव से प्रतिमा बागरी, जोबट से सुलोचना रावत और पृथ्वीपुर से शिशुपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम पर अंतिम मुहर लग गई है. यहां देखिए चारों सीट के बीजेपी प्रत्याशियों के बारे में....
खंडवा लोकसभा सीट से ज्ञानेश्वर पाटिल
लंबे इंतजार के बाद खंडवा लोकसभा सीट से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटिल के नाम पर मुहर लगी. देखिए अपने प्रत्याशी का परिचय. ज्ञानेश्वर पाटिल का जन्म 27 जनवरी 1969 को हआ था. वो पेशे से कृषि, केला ट्रांसपोर्टर ओर केला सप्लायर हैं. उनके राजनैतिक सफर पर नजर डालें तों 1987 से वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे. इसके बाद 1995 से 1998 तक भाजयुमो जिला खंडवा महामंत्री रहे. 1998 से 2001 तक भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भी रहे. इसके अलावा 2001 में भाजपा पंचायत राज प्रकोष्ठ प्रदेश महामंत्री का पदभीर भी उन्होंने संभाला. 2012 से 2014 तक वो प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. उनको मिली बड़ी चुनावी जिम्मेदारियों पर नजर डालें तो 1998 लोकसभा चुनाव संचलन की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी. 2004 के लोकसभा में चुनाव संचालन, 2014 में लोकसभा चुनाव प्रबंधन समिति, 2019 में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के आकोला जिले में पांच विधानसभा के चुनाव प्रभारीभी वो रहे.
जोबट सीट से सुलोचना रावत
कलावती भूरिया के निधन के बाद खाली हुई जोबट सीट पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है. हाल ही में कांगेस से बीजेपी में आईं सुलोचना रावत को बीजेपी ने जोबट सीट से खड़ी किया है. सुलोचना इसी सीट से 1998 और 2008 में विधायक रह चुकी हैं. इसके साथ ही सुलोचना दिग्विजय सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं. बता दें जोबट विधानसभा सीट से 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कलावती भूरिया को टिकट दिया था. इस बात से सुलोचना के बेटे ने नाराज होकर निर्दलीय फॉर्म भरा था. इसके बाद कांग्रेस ने सुलोचना को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. पार्टी की नाराजगी दूर होने के बद उन्हें कांग्रेस में दोबारा शामिल कर लिया था. कहा जा रहा था कि सुलोचना को अंदाजा लग गया था कि कांग्रेस उन्हें अपना उम्मीदवार नहीं बनाएगी. इसलिए वो बीजेपी के पाले में चली गईं.
रैगांव सीट से प्रतिमा बागरी
रैगांव सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रतिमा बागरी बीजेपी के महिला मोर्चा में लंबे समय से सक्रिय रही हैं. हाल ही में पार्टी ने उन्हें सतना जिला महामंत्री बना दिया था. इसी समय ये चर्चा थी कि पार्टी प्रतिमा को इस बार मौक देगी. 33 साल की प्रतिमा बागरी ने बीएएलएलबी किया है. राजनीति उन्हें विरासत में मिली है. उनके पिता जय प्रताप बागरी और मां कमलेश बागरी दोनों जिला पंचायत के सदस्य रहे हैं. पार्टी का उनपर विश्वास इस कारण भी है क्योंकि रैगांव विधानसभा में उनकी लोकप्रियता कम नहीं है. इसी आधार पर वह पार्टी की पहली पसंद भी बन गईं।
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