उपचुनावों के बीच एक्टिव हुआ ''जयस'' संगठन, बुलाई बड़ी बैठक, बीजेपी-कांग्रेस ने कही यह बात
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उपचुनावों के बीच एक्टिव हुआ ''जयस'' संगठन, बुलाई बड़ी बैठक, बीजेपी-कांग्रेस ने कही यह बात

मध्य प्रदेश का आदिवासी संगठन ''जयस'' भी इस बार उपचुनाव को लेकर एक्टिव नजर आ रहा है.

जयस संगठन (फाइल फोटो)

भोपालः मध्य प्रदेश में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर कर दी है. एक तरफ बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के चयन की तैयारियों में लगी हैं, तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश का आदिवासी संगठन ''जयस'' भी इस बार उपचुनाव को लेकर एक्टिव नजर आ रहा है. अगर जयस उपचुनाव वाली सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारता है तो ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की परेशानियां बढ़ सकती है. क्योंकि जयस ने 5 अक्टूबर को एक बैठक करने का ऐलान किया है. 

उपचुनाव में प्रत्याशी उतार सकती है जयस 
दरअसल, जय आदिवासी संगठन ''जयस'' इस बार उपचुनावों को लेकर नजर बनाए हुए है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि जयस उपचुनाव वाली कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकता हैं. अगर ऐसा होता है तो यह कांग्रेस और बीजेपी के लिए बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि जयस आदिवासी अंचल में एक बड़ी ताकत बनता जा रहा है. हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में जयस प्रमुख हीरालाल अलावा कांग्रेस की तरफ से चुनाव में उतरे थे और उन्हें जीत भी मिली थी. 

कांग्रेस ने कही यह बात 
जयस की यह बैठक बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस के लिए झटका मानी जा रही है. क्योंकि अब तक जयस के चुनाव न लड़ने से कांग्रेस को ज्यादा फायदा होता हुआ दिखा है. हालांकि जयस की बैठक को लेकर जब कांग्रेस से सवाल किया गया तो कांग्रेस के प्रदेश संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर ने कहा कि ''कांग्रेस को जयस के साथ से ही पहले भी फायदा हुआ है और कांग्रेस को आगे भी होगा, जल्द ही जयस के साथ बातचीत की जाएगी. जयस के पदाधिकारियों से बात की जाएगी.''

बीजेपी के साथ है आदिवासी वर्गः भूपेंद्र सिंह 
वहीं कांग्रेस के सवालों पर बीजेपी ने भी पलटवार किया. ''मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पहले जयस के नेता कांग्रेस के साथ मिलकर विधायक बन गए, आदिवासियों के नाम पर सियासत की स्वार्थ सिद्ध किए और अब अलग हो रहे हैं, दोनों ही संगठन आदिवासियों को भ्रमित और आदिवासियों के नाम पर अपनी सियासी रोटियां सेकते हैं. बीजेपी को जयस और कांग्रेस से कोई कहीं कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि आदिवासी वर्ग भाजपा के साथ हैं.''

इन सीटों पर प्रत्याशी उतार सकती है जयस 
दरअसल, अब तक कांग्रेस की बी टीम कहीं जाने वाली जयस उपचुनाव में कांग्रेस से अलग फिलहाल नजर आ रही है. क्योंकि आदिवासी संगठन जयस ने पांच अक्टूबर को एक बड़ी बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में जयस उपचुनाव को लेकर अपनी रणनीति बना सकती है. दरअसल, खंडवा लोकसभा सीट और अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट पर आदिवासी वोटर बड़ी संख्या में हैं. जोबट विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. यही वजह है कि जयस जोबट खंडवा में आदिवासियों के बीच होल्ड रखती है. ऐसे में कांग्रेस अगर इन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारती है. तो फिर कांग्रेस और बीजेपी के लिए मुश्किल बड़ सकती है. क्योंकि दोनों ही पार्टियों के लिहाज से आदिवासी वोटबैंक अहम रहता है. 

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