MP में सितम ढाने वाली है ठंडः अभी नहीं मिलने वाली राहत, चलेगी तीव्र शीतलहर, इन जिलों में पड़ेगा पाला!
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MP में सितम ढाने वाली है ठंडः अभी नहीं मिलने वाली राहत, चलेगी तीव्र शीतलहर, इन जिलों में पड़ेगा पाला!

मध्य प्रदेश में अभी ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है, प्रदेश में तीव्र शीतलहर चलने का अलर्ट जारी किया गया है. 

एमपी में ठंड से अभी नहीं मिलने वाली राहत

भोपालः मध्य प्रदेश में जबरदस्त ठंड पर ड़ रही है, पूरा प्रदेश ठंड से कांप रहा है, आलम यह है कि सर्दी के चलते लोग बाहर निकलने से भी डर रहे हैं. प्रदेश का उमरिया जिला सबसे ठंडा रहा, उमरिया और नौगांव में तापमान 1.2 डिग्री दर्ज किया गया. जबकि राजधानी भोपाल में सीजन का सबसे कम तापमान 3.4 डिग्री तर्ज किया गया. मौसम विभाग ने अभी प्रदेश में ठंड से राहत नहीं मिलने की बात कही है, यानि आगे भी यही हाल रहेगा. 

अभी नहीं मिलेगी राहत 
मौसम वैज्ञानिक पीके शाह ने बताया कि अभी प्रदेश में सर्दी का सितम इसी तरह जारी रहेगा, क्योंकि उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं के चलते प्रदेश के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है, जिससे ठंड बढ़ रही है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि उन्होंने बताया कि 22 और 24 तारीख को एक नया सिस्टम बनने वाला है, जिससे तापमान में कुछ बढ़ोत्तरी होने के आसार है, जिससे कोल्ड वेव ओर कोल्ड डे से राहत मिलने की उम्मीद है. यानि प्रदेस वासियों को 22 दिसंबर से ठंड से कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. 

पचमढ़ी में मानइस में पहुंचा तापमान 
प्रदेश के उमरिया 1.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है, इसके अलावा हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान माइनस में पहुंच गया, यहां का तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. प्रदेश में ग्वालियर में तापमान 1.8 डिग्री, नौगांव 1.8 डिग्री रहा, जबकि 

शीतलहर का अलर्ट 
वहीं मौसम विभाग ने फिलहाल आने वाले 24 घंटे के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेशभर में तीव्र शीतलहर चलने से सर्दी का सितम सतायेंगा, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में मौसम विभाग की तरफ से लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. राजधानी भोपाल सहित 17 जिलों में पाला पड़ने की संभावना जताई गई है, जिससे किसानों की मुश्किलात बढ़ सकती है. वहीं चना, मसूर, तेवड़ा की फसल पर तुसार पड़ने का डर किसानों को सताने लगा है. पाला पड़ने की संभावना के बीच मौसम विभाग ने किसान को सावधानी के लिए शाम और रात को सिंचाई करने का सुझाव दिया है. 

ग्वालियर-चंबल में पड़ रही कड़ाके की सर्दी 
वहीं ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी जिलों में कड़ाके की सर्दी अब जोर पकड़ती हुई नजर आ रही है, यही वजह है कि मध्य प्रदेश का ग्वालियर शहर अब शिमला बन गया है, मौसम विभाग के अनुसार शहरी क्षेत्र में बीती रात न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. वही आसपास के ग्रामीण, और वन क्षेत्रों में यह तापमान माइनस में पहुंच गया. यही वजह है कि ग्वालियर के आसपास के इलाकों में खेतों के साथ कई वाहनों पर बर्फ जम गई. मौसम विभाग ने भी इस बात की पुष्टि की है कि शहर के तापमान और आसपास के इलाकों के न्यूनतम तापमान में काफी अंतर है. 

हालांकि मौसम विभाग ने कल से पश्चिमी विक्षोभ का असर होना बताया है जिसके चलते कुछ दिनों के लिए कड़ाके की सर्दी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है. लेकिन सर्द हवाओं का दौर जारी रहेगा. गौरतलब है कि उत्तर भारत के कुछ इलाकों में हो रही बर्फबारी और वहां से आ रही सर्द हवाओं के चलते समूचा ग्वालियर चंबल अंचल सर्दी की चपेट में है. ग्वालियर चंबल अंचल में कड़ाके की सर्दी का पुराना रिकॉर्ड रहा है. यहां शहरी क्षेत्र में 13 दिसंबर 1986 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. लेकिन इस बार ग्वालियर में यह तापमान आसपास के इलाकों में माइनस मैं पहुंच गया है यही वजह है कि ग्वालियर की रातें हाड़ कपा देने वाली होने के साथ शिमला का एहसास कराने लगी है. 

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