Ujjain Death CCTV Video: बीते दिन गुरुवार को उज्जैन के बाबा महाकालेश्वर के धाम में सेवा देने वाले पुरोहित समिति के अध्यक्ष अशोक शर्मा का निधन हो गया था. 63 साल के अशोक शर्मा का मौत से ठीक पहले का सीसीटीवी वीडियो सामने आया है. वीडियो में दिख रहा है कैसे उनकी सड़क पर जाते हुए तबीयत बिगड़ी. वो वहां बने चबूतरे पर बैठ गए और थोड़ी ही देर में गिर पड़े. वे घर से मंदिर के लिए निकले और मंदिर से करीब 60 मीटर दूर पर ही उनकी तबीयत बिगड़ी. ओटले पर से वो गिर पड़े, जहां से उन्हें मौके पर मौजूद लोगों ने उठाया और अवंति अस्पताल लेकर गए.  डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 


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क्या दिख रहा फुटेज में
पुरोहित समिति के अध्यक्ष अशोक शर्मा की मौत का वीडियो शुक्रवार को सामने आया. वो मंदिर के कुल 21 पुरोहितों की समिति के अध्यक्ष थे. मृतक अशोक शर्मा की मौत का लाइव फुटेज सामने आया तो देख सभी को भावुक कर गया.  इसमें वे थाना महाकाल व 24 खंबा माता मंदिर के बीच जो कि महाकाल मंदिर से 60 मीटर की दूरी पर एक गली है वहां दिखाई दे रहे हैं. पुरोहित जी मंदिर की ओर आते हुए दिखे, जहां अचानक उनकी तबियत बिगड़ते दिख रही है.  वेपास में बन एक ओटले पर बैठ जाते हैं. सामने से आ रहे धर्मेंद्र पंडया नामक आदमी उनसे जय महाकाल गुरु जी बोलते हैं. जवाब में अशोक शर्मा भी जय महाकाल बोलते हैं और वे मुंह के बल गिर पड़ते हैं. ये नजारा देखते ही तत्काल धर्मेंद्र पंडया और अन्य मौके पर मौजूद लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचते हैं. बातया जा रहा है कि अस्पताल जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई थी. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.  ये घटना गुरुवार सुबह 07 बजकर 49 मिनट की हैं जो CCTV में कैद हुई. 


जय महाकाल बोले और..... 
बताया जा रहा है कि अशोक शर्मा ह्रदय रोग से पहले से ही पीड़ित थे. एक साल पहले उनकी बायपास सर्जरी भी हुई थीं. बीते कुछ दिनों से वो अस्वस्थ चल रहे थे. महाकाल मंदिर पुरोहित समिति के सदस्यों ने मीडिया से इस बारे में बात कर बताया कि पंडित जी बहुत मिलनसार थे. हंसमुख स्वभाव के थे. सभी से घुलमिल जाते थे.  उनके परिवार में पत्नी एक बेटा और एक बेटी है. उन्होंने हाल ही में अपने एक यजमान की मदद से चिंतामण स्थित वैदिक शोध संस्थान परिसर में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर के मंदिर की स्थापना कराई थी. वो सभी के बीच काफी प्रिय थे. कारण ये भी था कि वो पुरोहितों के हितों की रक्षा के लिए कुछ न कुछ कदम उठाते रहते थे. बीमार होने के बावजूद वो नियम से भगवान महाकाल की पूजा अर्चना के लिए मंदिर जाते थे.