'बकवास होती है तो इस्तीफा दे दें', कमलनाथ के बयान पर बिफरे विधानसभा अध्यक्ष
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'बकवास होती है तो इस्तीफा दे दें', कमलनाथ के बयान पर बिफरे विधानसभा अध्यक्ष

रीवा पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से जब कमलनाथ के बयान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने इस मामले में बड़ा बयान दिया है. 

'बकवास होती है तो इस्तीफा दे दें', कमलनाथ के बयान पर बिफरे विधानसभा अध्यक्ष

रीवा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर मध्य प्रदेश में जमकर सियासत हो रही है. बीजेपी लगातार कमलनाथ पर निशाना साध रही है, तो वहीं कांग्रेस के नेता उनके बचाव में लगे हैं, इस बीच मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी कमलनाथ के बयान पर बड़ा बयान दिया है. 

ऐसी टिप्पणी अशोभनीय है
दरअसल, रीवा पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से जब कमलनाथ के बयान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि विधानसभा को लेकर ऐसी टिप्पणी करना अशोभनीय है, अगर कमलनाथ को लगता है की विधानसभा में बकवास होती है तो विधानसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए.''

कार्यवाही की जाएगी वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ''कमलनाथ ने जो बयान दिया है, हम उसकी पूरी जांच करवा रहे हैं और इस मामले में कार्यवाही भी की जाएगी.'' विधानसभा अध्यक्ष का यह बयान कई मायनों में अहम माना जा रहा है. 

बीजेपी लाएगी विषेशाधिकार हनन प्रस्ताव 
वहीं बीजेपी ने कमलनाथ के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है कमलनाथ के बयान के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ''कमलनाथ का बयान पीड़ादायी है, कमलनाथ को केंद्र, राज्य सरकार का लंबा अनुभव है, कमलनाथ सिर्फ 4 घन्टे कुल औसत समय सदन में रहे हैं. उन्हें लोकतंत्र और देश का अपमान करने में मजा आता है. हमारे विधायकों ने इसे गम्भीरता से लिया है. विधानसभा में कमलनाथ के खिलाफ लाएंगे विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव. 

कमलनाथ से घबरा गई है बीजेपीः पीसी शर्मा 
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि ''भाजपा कमलनाथ से घबराई हुई है. उनके बयान को तोड़ मरोड़ के परोसा जा रहा है. कमलनाथ सीनियर पार्लियामेंट्री लीडर हैं, कई सालों का उनका अनुभव है. लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री रहे हैं, वह जानते हैं कौन सी बात करना चाहिए कौन सी नहीं. महंगाई , बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए यह सब भाजपा कर रही है. कमलनाथ ने विधानसभा जब भी चली है पूरी मजबूती के साथ जनता का पक्ष रखा है, भाजपा विधानसभा नहीं चलने देती. कांग्रेस के समय में महीनों सत्र चलते थे. कमलनाथ के कहने का मतलब यह था कि विधानसभा में जनता की बात रखी जाए.''

क्या कहा था कमलनाथ ने 
दरअसल, एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में कमलनाथ से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से कोई एक जिम्मेदारी छोड़ने को लेकर सवाल किया गया था. इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा कि अभी यह तय नहीं है. यह बात सही है कि मैंने विधानसभा में कम वक्त दिया है. मुझे रोजाना 200 लोगों से मिलना होता है. क्या मैं वहां बीजेपी की बकवास सुनूंगा. नेता प्रतिपक्ष के पद पर नियुक्ति को लेकर उन्होंने कहा कि इस बारे में सोनिया गांधी से मुलाकात कर जल्द फैसला ले लिया जाएगा. 

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