Which Crop Sow Before Monsoon: मध्य प्रदेश में मानसून से पहले मक्का, सोयाबीन और तुअर जैसी फसलें सही समय पर बोएंगे, तो बंपर उत्पादन होगा और रोगों का खतरा भी कम होगा. आइए इन की बुवाई के लिए सही समय और तरीका के बारे में जानते हैं.
Trending Photos
MP Agriculture News: मध्य प्रदेश में खेती करने वाले किसानों के लिए ये समय बहुत अहम माना जाता है. मानसून की दस्तक से पहले खेतों की तैयारी और कुछ फसलों की समय पर बुवाई से बढ़िया कमाई कर सकते हैं. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि खासकर मक्का, सोयाबीन और तुअर (अरहर) जैसी फसलें अगर सही समय पर बोई जाएं, तो बंपर उत्पादन होता है. इसके अलावा, फसलों में रोगों का भी खतरा बहुत कम होता है. आइए जानते हैं इन फसलों की बुवाई का सही समय, किस्में और तरीका के बारे में.
मक्का एक ऐसी फसल है, जिसकी कम पानी में भी अच्छी पैदावार होती है. लेकिन समय पर बुवाई जरूरी है. मध्य प्रदेश में मक्का की बुवाई का सही समय 10 जून से लेकर 30 जून तक माना जाता है. कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, मक्का की बुवाई से पहले खेत की पहले गहरी जुताई करें. उसके बाद दो बार हल्की जुताई से मिट्टी को भुरभुरा बना दें. आपको बता दें कि बीज बोने से पहले ट्राइकोडर्मा से बीजोपचार करें. मक्का की बेहतर किस्मों में एचएम-4, एचएम-10 और प्रभात-1 खासकर मालवा, निमाड़ और विंध्य क्षेत्रों में बंपर पैदावार देती है. इसकी बुवाई के लिए लगभग प्रति एकड़ 8 से 10 किलो बीज पर्याप्त माना जाता है.
अरहर की खेती
तुअर या अरहर एक ऐसी फसल है, जो सूखा झेलने की क्षमता रखती है, लेकिन इसकी बुवाई भी समय पर करना बहुत जरूरी होता है. मध्य प्रदेश में इसे 15 जून से लेकर 10 जुलाई के बीच बोया जाता है. इसकी बुवाई के लिए खेतों की गहरी जुताई करनी चाहिए. इसके बाद दो बार हल्की जुताई करें. अरहर के बीजों का बीजोपचार जरूर करें, ताकि फसल में रोग कम लगें. अरहर की आईसीपीएल-87119 (अश्विनी) और टीजेटी-501 जैसी किस्में खासतौर पर बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों के लिए बेहतर मानी जाती हैं. इसकी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 8 से 10 किलो बीज की जरूरत होती है.
सोयाबीन की खेती
सोयाबीन, मानसून की सबसे भरोसेमंद फसल मानी जाती है. कृषि एक्सपर्ट के अनुसार, इसकी बुवाई पहली या दूसरी बारिश के बाद करना सबसे सही माना जाता है. यानि 20 जून से 5 जुलाई के बीच सही समय है. खेत को समतल करके दो से तीन बार जुताई करें और जल निकासी की व्यवस्था अच्छी रखें. इसकी बुवाई के लिए बीज प्रति एकड़ 30 से 35 किलो तक पर्याप्त माना जाता है. मध्य प्रदेश सोयाबीन की JS-95-60, JS-20-34 और RVS-2001-4 किस्में काफी अच्छी मानी जाती है. क्योंकि ये जल्दी पकती हैं और कीटों से भी बची रहती हैं. सोयाबीन की फसल 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है.
कृषि एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर किसान इन तीनों फसलों की बुवाई मानसून से ठीक पहले कर दें, तो नमी का बेहतर उपयोग हो पाता है और सिंचाई की जरूरत भी कम हो पड़ती है. कृषि विभाग की तरफ से गांव-गांव जाकर किसानों को उन्नत बीज और तकनीक की जानकारी भी दी जा रही है.
मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!