उपचुनावः खेल कर सकता है 'जयस', 5 अक्टूबर की बैठक से बढ़ेंगी BJP-कांग्रेस की मुश्किलें!
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उपचुनावः खेल कर सकता है 'जयस', 5 अक्टूबर की बैठक से बढ़ेंगी BJP-कांग्रेस की मुश्किलें!

खंडवा लोकसभा की पंधाना, बागली, भीकनगांव और नेपानगर सीट आदिवासी बाहुल्य है, वहीं जोबट सीट पर आदिवासियों की संख्या 97 फीसदी है.

उपचुनावः खेल कर सकता है 'जयस', 5 अक्टूबर की बैठक से बढ़ेंगी BJP-कांग्रेस की मुश्किलें!

प्रमोद शर्मा/भोपालः उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपने-अपने समीकरण बिठाने में जुट गई हैं. हालांकि आदिवासी समाज में पकड़ रखने वाला संगठन 'जयस' (जय आदिवासी युवा शक्ति-JAYS) दोनों राजनीतिक पार्टियों का खेल बिगाड़ सकता है. दरअसल जयस ने जहां सत्ताधारी भाजपा पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है, वहीं इस संगठन ने कांग्रेस की भी परेशानी बढ़ा दी है. 

बीजेपी को बताया आदिवासी विरोधी
कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने अपने एक बयान में जयस पर निशाना साधा और कहा कि जयस जैसे संगठन आदिवासी समाज को भ्रमित करते हैं और उन्हें भड़काते हैं. विजय शाह के इस आरोप पर पलटवार करते हुए जयस के संस्थापक हीरालाल अलावा ने कहा कि विजय शाह अपने आप को राजा-महाराजा समझते हैं. आदिवासियों के नाम पर जीतने वाले आदिवासियों को ही भूल गए! हीरालाल अलावा ने विजय शाह और भाजपा पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया

कांग्रेस को भी मिल सकता है झटका
माना जा रहा था कि जयस उपचुनाव में कांग्रेस को समर्थन दे सकता है लेकिन अब जयस के ताजा कदम ने कांग्रेस की भी मुश्किल बढ़ा दी है. दरअसल जयस ने उपचुनाव को लेकर एक बैठक बुलाई है. जयस के संस्थापक हीरालाल अलावा ने कहा है कि जयस और कांग्रेस में वैचारिक मेल है. अब तक हम कांग्रेस के साथ थे लेकिन अब उपचुनाव में जयस चुनाव लड़ेगा या फिर समर्थन देगा, इस पर फैसले के लिए 5 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई है. बता दें कि उपचुनाव वाली खंडवा और जोबट सीट पर जयस का  काफी प्रभाव है.

खंडवा लोकसभा की पंधाना, बागली, भीकनगांव और नेपानगर सीट आदिवासी बाहुल्य है, वहीं जोबट सीट पर आदिवासियों की संख्या 97 फीसदी है. यही वजह है कि अगर जयस संगठन उपचुनाव में उतरने का फैसला करता है तो यह भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकता है.   

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