MP Nursing College Scam gwalior petition: मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेज स्कैम ने व्यापम घोटाले की तरह हड़कंप मचा दी है. मामला जब से लाइमलाइट में आया है, रोजाना कई नए और बड़े खुलासे हो रहे हैं.  हाल ही में मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने सूटेबल यानी बेहतर कॉलेजों की लिस्ट जारी की, जिसमें नामांकन लिस्ट में उन कॉलेजों के नाम भी शामिल हैं, जिनके संचालक फर्जीवाड़े के आरोप में पहले से रिमांड पर हैं. करीब चार दिन पहले यानि 20 मई को जारी की गई इस लिस्ट में कुल 132 कॉलेज के नाम हैं. इसमें हैरान करने वाले नाम उन कॉलेजों के थे जिनके प्रिंसिपल रिश्वत देते रंगे हाथों पकड़े गए. अब ताजा मामला ग्वालियर से आया है, जहां एक याचिका लगाई गई है, जिसमें सीबीआई जांच पर सवाल उठाए गए हैं. 


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नाम कॉलेज का, चला रहे मैरिज गार्डन
याचिका में दावा किया गया है कि जांच रिपोर्ट में जिन कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी गई है, उनमें से कई में मैरिज गार्डन चल रहे हैं. इसके अलावा कई नर्सिंग कॉलेजों में स्टाफ ही नहीं है. याचिकाकर्ता दिलीप शर्मा ने नर्सिंग कॉलेजों की फिर से सीबीआई जांच कराए जाने की मांग की है.  बताया जा रहा है कि कुल 364 कॉलेजों की जांच होना प्रस्तावित था. इनमें से 40 से 50 कॉलेज ऐसे थे जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से प्रोटेक्शन था, जिनकी जांच नहीं हो सकी. लगभग 125 कॉलेज ऐसे थे जिन्हें गंभीर कमियों के चलते बंद कर दिया गया है. साथ ही 170 कॉलेजों को उपयुक्त ठहराते हुए सीबीआई ने क्लीनचिट दे दी थी. लगाई गई याचिका में कहा गया है कि क्लीन चिट मिले कई कॉलेजों में कई तरह की खामियां है, जिनकी दोबारा जांच होनी चाहिए.  याचिकाकर्ता और अधिवक्ता दिलीप शर्मा ने इन आरोपों के साथ कुछ कॉलेजों की दोबारा जांच की मांग की है.   


व्हिसल ब्लोअर विशाल बघेल एक्टिव
बता दें दूसरी तरफ व्हिसल ब्लोअर विशाल बघेल ने भी मोर्चा खोला हुआ है. उन्होंने ही सीबीआई के अफसरों के फर्जीवाड़े को लेकर कोर्ट में याचिका लगाई है. उन्होंने साफ कहा है कि जिस एजेंसी को जांच सौंपी गई उसके अफसरों ने ही जमकर भ्रष्टाचार किया है. इससे ये तो साफ है कि पूरी जांच संदेह के घेरे में है. विशाल बघेल ने कहा है कि अब तक जिन कॉलेजों को सूटेबल करार दिया गया उनकी जांच भी दोबारा होनी चाहिए. मामले की अगली सुनवाई में वो सीबीआई के ऐसे कॉलेजों को दी गई क्लीनचिट और भ्रष्ट अफसरों की जांच रिपोर्ट को चुनौती देंगे.