MP पंचायत चुनाव निरस्त होने से उम्मीदवार पस्त, जमानत राशि मिलने के बाद भी हो रहा यह बड़ा नुकसान
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MP पंचायत चुनाव निरस्त होने से उम्मीदवार पस्त, जमानत राशि मिलने के बाद भी हो रहा यह बड़ा नुकसान

mp panchayat election 2022 में नामांकन जमा करने वाले प्रत्याशियों की जमानत राशि वापस कर दी जाएगी, लेकिन फिर भी लोगों ने चुनाव निरस्त होने से लाखों रुपए का नुकसान होने की बात कही है. 

MP पंचायत चुनाव निरस्त

भोपाल/मंदसौर. मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव निरस्त हो चुके हैं, कल निर्वाचन आयोग ने इस बात का आदेश जारी कर दिया. हालांकि निर्वाचन आयोग की तरफ से यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि पहले और दूसरे चरण में नामांकन जमा करने वाले प्रत्याशियों की जमानत राशि वापस कर दी जाएगी. लेकिन पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद भी लोगों ने लाखों रुपए का नुकसान होने का आरोप लगाया है. 

प्रिंटिंग प्रेस व्यापारियों को नुकसान 
पंचायत निरस्त होने से पंचायत चुनाव सामग्री बनाने वाले प्रिंटिंग प्रेस व्यापारियों ने लाखों रुपए का घाटा होने की बात कही है, उनका कहना है कि इस बार पंचायत चुनाव के चलते आर्डर बंपर थे पर अब चुनाव निरस्त होने से धंधा चोपट हो गया है. प्रिंटिंग प्रेस व्यापारियों ने बताया कि दुकानों पर चुनाव प्रचार सामग्री आर्डर पर बनकर तैयार हो चुकी थी. लेकिन आर्डर देने वाले सामग्री लेने नहीं आने से बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई के कोई आसार नजर नहीं आ रहे. 

राजधानी के चुनाव प्रचार सामग्री विक्रेता घनश्याम यादव का कहना है कि इस बार उम्मीद थी कि पंचायत चुनाव में धंधा खूब चमकेगा, सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन आखिरी समय पर चुनाव निरस्त होने से धंधे पर पानी फिर गया. अब ऑर्डर वाले लोगों को पम्पलेट उठाने के लिए फोन करते है तो वो फोन नहीं उठाते. लाखों रुपए की चुनाव प्रचार सामग्री बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन चुनाव निरस्त होने से घाटा हो गया है. 

उम्मीदवारों के लाखों रुपए हुए खर्च 
पंचायत चुनाव निरस्त होने की वजह से लोगों का लाखों रुपए का नुकसान हुआ है और वे आयोग से हरजाने की मांग कर रहे हैं, उम्मीदवार कह रहे हैं कि चुनाव में प्रचार के लिए उन्होंने पोस्टर बैनर छपवा लिए थे, लेकिन अब इनका कोई इस्तेमाल नहीं रह गया है, जिससे उन्हें लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. मध्यप्रदेश के मंदसौर के जिला पंचायत वार्ड क्रमांक 4 के प्रत्याशी दीपक सिंह गुर्जर बताते हैं कि वह अपने प्रचार पर अब तक ढाई लाख रुपए खर्च कर चुके हैं, इसके अलावा भी अन्य खर्च किए हैं अब चुनाव आयोग ने चुनाव निरस्त कर दिए हैं. हालांकि उन्हें उनकी जमानत राशि तो वापस मिल जाएगी. लेकिन उनके जैसे लाखों लोगों ने जो लाखों रुपए का खर्च किया है, उसका क्या होगा, कुछ लोगों ने तो ब्याज से पैसे लाकर भी खर्च किया है, उनका क्या होगा उन्हें कोई मुआवजे की राशि मिलनी चाहिए. 

बता दें कि पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद चुनाव में फॉर्म जमा करने वाले प्रत्याशियों और प्रिंटिंग प्रेस व्यापारियों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई है, क्योंकि पहले से ऑर्डर पर उन्होंने पंपलेट छाप लिए थे. लेकिन अब उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. 

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