MP Panchayat Election: शिवराज के मंत्री ने बताया- सुप्रीम कोर्ट ने किस बात पर किया चुनाव को स्टे?
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MP Panchayat Election: शिवराज के मंत्री ने बताया- सुप्रीम कोर्ट ने किस बात पर किया चुनाव को स्टे?

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार अपना अभिमत राज्य निर्वाचन आयोग भेजेगी. हालांकि चुनाव रुकने हैं या नहीं, यह राज्य निर्वाचन आयोग तय करेगा. 

MP Panchayat Election: शिवराज के मंत्री ने बताया- सुप्रीम कोर्ट ने किस बात पर किया चुनाव को स्टे?

अतुल अग्रवाल/सागरः मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव का मामला इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर चुनाव स्टे करने को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. सत्ताधारी भाजपा ने कांग्रेस पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा दिया है. शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. इस आयोजन में उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. 

कांग्रेस पर बरसे भूपेंद्र सिंह
नगरीय प्रशासन मंत्री ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट ने स्टे पंचायत चुनाव में रोटेशन प्रक्रिया को लेकर नहीं किया है बल्कि ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण को लेकर किया है. भूपेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर रोक कांग्रेस का षडयंत्र है. कांग्रेस शुरू से ही ओबीसी विरोधी रही है. प्रदेश में ओबीसी आरक्षण लागू करने के दौरान भी कांग्रेस ने बाधा उत्पन्न करने की कोशिश की. 

भूपेंद्र सिंह ने सरकार की आगे की रणनीति पर बात करते हुए कहा कि भोपाल में सभी ओबीसी नेताओं को आमंत्रित किया गया है. उनसे चर्चा की जाएगी और सरकार की तरफ से कोशिश होगी कि पंचायत चुनाव में भी 27 फीसदी और शासकीय सेवाओं में भी 27 फीसदी आरक्षण मिले. 

भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार अपना अभिमत राज्य निर्वाचन आयोग भेजेगी. हालांकि चुनाव रुकने हैं या नहीं, यह राज्य निर्वाचन आयोग तय करेगा. मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 52 परसेंट है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने साल 2019 में गलत तरीके से राजनीतिक आधार पर आरक्षण किया था. 

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर ये बोले
नगरीय निकाय के चुनाव कब होंगे इस सवाल के जवाब पर नगरीय प्रशासन मंत्री ने कहा कि नगरीय निकाय के चुनाव के लिए पिछले साल ही प्रस्ताव बनाकर राज्य निर्वाचन आयोग को भेज दिया था. आरक्षण एवं परिसीमन भी उन्हें भेज दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एमपी पंचायत चुनाव में महाराष्ट्र राज्य के आधार पर दिए फैसले पर मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के निर्णय को मध्यप्रदेश से नहीं जोड़ा जा सकता. महाराष्ट्र की परिस्थितियां मध्य प्रदेश से अलग हैं.

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