MP Panchayat Chunav पर अब भी फंसा है पेंच! निर्वाचन आयोग के पाले में गेंद
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MP Panchayat Chunav पर अब भी फंसा है पेंच! निर्वाचन आयोग के पाले में गेंद

निर्वाचन आयोग फिलहाल MP Panchayat Election को लेकर विधि विशेषज्ञों से राय ले रहा है. जिसके बाद शाम तक कोई बड़ा फैसला सुनाया जा सकता है. 

एमपी पंचायत चुनाव पर निर्वाचन आयोग लेगा अहम फैसला

भोपालः मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ है. क्योंकि पंचायत चुनाव पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर सरकार और राज्यपाल की तरफ से मुहर लग चुकी है. ऐसे में गेंद अब निर्वाचन आयोग के पाले में हैं. निर्वाचन आयोग की इसी मुद्दे पर अहम बैठक चल रही है, हालांकि अब तक चुनाव रद्द करने का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. इस बीच निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने भी बड़ा बयान दिया है. 

शाम तक स्थिति साफ हो जाएगी 
दरअसल, जब पंचायत चुनाव को लेकर चल रही गहमागहमी को लेकर निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''पंचायत चुनाव के अध्यादेश को वापस लेने की सूचना आज राज्य सरकार की तरफ से चुनाव आयोग को मिल गई है, अब इस मामले में आयोग ने पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है, जिसमें पंचायत चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने विधि विशेषज्ञों की राय ली है. जैसे ही उनकी राय आयोग को मिलेगी तो उस पर विचार किया जाएगा. बीएस जामोद ने कहा कि शाम तक राज्य निर्वाचन आयोग  की तरफ से फैसला कर लिया जाएगा.''

निर्वाचन आयोग को लेना है आखिरी फैसला 
निर्वाचन आयोग फिलहाल पंचायत चुनाव की अधिसूचना निरस्त होने के बाद विधि विशेषज्ञों से राय ले रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों की बैठक हुई, इसमें पंचायत विभाग ने अध्यादेश को लेकर सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव की और अध्यादेश को लेकर प्रतिवेदन पेश किया गया. माना जा रहा है कि शाम तक आयोग पंचायत चुनाव  निरस्त करने को लेकर फैसला दे सकता है. बताया जा रहा है कि निर्वाचन आयोग सभी पहलुओं पर अच्छे से विचार विमर्श करने के बाद ही फैसला सुनाएगा. 

दरअसल कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मुलाकात की थी. जिसके बाद देर शाम चुनाव निरस्त करने को लेकर अधिसूचना जारी हो गई थी. हालांकि इसको लेकर अंतिम फैसला मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को लेना है. इस मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव और राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त बीपी सिंह के बीच लंबी बातचीत हुई है. बताया जा रहा है कि दोनों की मुलाकात में पंचायत विभाग के प्रमुख सचिव ने अधिसूचना को लेकर सरकार द्वारा लिए गए तमाम बिंदुओं को सिलसिलेवार रखा. अब इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को लेकर विधि विशेषज्ञों से राय ले रहा है. शाम तक पंचायत चुनाव निरस्त करने को लेकर अंतिम फैसला आने की उम्मीद है. जिसके संकेत निर्वाचन आयोग के सचिव बीएस जामोद ने भी दिए हैं. 

नरोत्तम मिश्रा ने भी दिए हैं संकेत 
वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर कहा कि ''कांग्रेस ने जानबूझकर ‌पिछड़ा वर्ग को‌ पंचायत ‌चुनाव में भागीदारी करने से रोका. हार के ‌डर से‌ कांग्रेस कोर्ट में पहुंची जिसके कारण चुनाव प्रक्रिया से ओबीसी वर्ग को बाहर होना पड़ा. भाजपा सरकार सभी‌ वर्गों को‌ साथ‌‌ में लेकर पंचायत चुनाव कराने के पक्ष में थी.'' वहीं दूसरी तरफ पंचायत चुनाव को लेकर केंद्र सरकार ने भी दखल दिया है. केंद्र सरकार ने पक्षकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर कर दी है, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 3 जनवरी को सुनवाई होगी. दूसरी तरफ सरकार के पंचायत राज संशोधन अध्यादेश वापस लेने के बाद गेंद राज्य निर्वाचन आयोग के पाले में आ गई है. यानि जो भी फैसला लेना है अब निर्वाचन आयोग को लेना है.  

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