शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने कमलनाथ के समय पंचायत चुनावों को लेकर किए गए परिसीमन को निरस्त किया, जिसे लेकर कांग्रेस (Congress) कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है. इसे लेकर शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने वजह बताई है. देखिए क्या तर्क दिया
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भोपालः मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Panchayat Chunav) में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर सुगबुगाहट जारी है, बताया जा रहा है कि प्रदेश में कभी चुनाव का ऐलान हो सकता है. इस बीच शिवराज सरकार ने कमलनाथ (Kamalnath) सरकार के समय पंचायत चुनावों को लेकर किए गए परिसीमन को निरस्त कर दिया. जिस पर कांग्रेस ने हाईकोर्ट (Highcourt) जाने की बात कही है, वहीं इस मुद्दे पर शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है उन्होंने बताया कि आखिर सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए किया गया परिसीमन क्यों निरस्त कर दिया.
कांग्रेस ने अपनी सुविधा से किया था परिसीमनः भूपेंद्र सिंह
वहीं जब पंचायत चुनावों का परिसीमन निरस्त करने पर शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ''पंचायतों के परिसीमन को लेकर कांग्रेस ने अनेक गड़बड़ियां की थी, कांग्रेस ने अनेक पंचायतों को खत्म कर दिया था और कई नई पंचायते बना दी थी, यह सब केवल कांग्रेस के नेताओं ने अपने फायदे के लिए किया था. जिसके चलते कमलनाथ सरकार के समय में किए परिसीमन को निरस्त कर दिया गया.''
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ''सरकार ने परिसीमन को निरस्त किया है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर 2014 की जो स्थिति है उसे ही लागू कर दिया गया है, उसी के आधार पर पंचायत चुनाव होंगे, इसमें कांग्रेस को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, जो लोग चुनाव लड़ेंगे वो चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस को क्या परेशानी है.''
दरअसल, एमपी में होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियां कमलनाथ सरकार के समय से ही शुरू हो गई थी. कमलनाथ सरकार के समय ही पंचायत चुनाव को लेकर नए सिरे से पंचायतों का परिसीमन भी कर लिया गया था. लेकिन बाद में सरकार भी बदल गई और कोरोना के चलते पंचायत चुनाव भी आगे बढ़ गए. अब कोविड का असर कम होने के बाद पंचायत चुनाव की उम्मीद की जा रही है, लेकिन इस बीच शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के समय किए गए परिसीमन को निरस्त कर दिया. जबकि अभी तक जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है, हालांकि निर्वाचन आयोग जल्द चुनाव कराए जाने की बात कह रहा है.
हाईकोर्ट जाएगी कांग्रेस
बीते दिनों शिवराज सरकार ने पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश 2021 को मंजूरी दी थी. जिसके अनुसार, जहां एक साल से चुनाव नहीं हुए हैं, ऐसी पंचायतों के परिसीमन निरस्त कर दिए गए हैं. इसका मतलब है कि इन जिला, जनपद और ग्राम पंचायतों में पुरानी व्यवस्था ही लागू होगी. ऐसे में आरक्षण में भी कोई बदलाव नहीं होगा. अब इस मुद्दे पर कांग्रेस ने हाईकोर्ट जाने की बात कहकर मुद्दे के गरमा दिया है.
चुनाव पुराने परसिमिन के अनुसार होंगे
प्रदेश में पंचायत चुनाव पुराने परसिमिन के अनुसार होंगे. 2014 के परिसीमन के अनुसार चुनाव से इंदौर की 59 पंचायतें कम होंगी. साल 2019 के परिसीमन के बाद इंदौर में 371 ग्राम पंचायतें थीं. पुराने परिसीमन को देखें तो सिर्फ 312 ग्राम पंचायत रहेंगी. बता दें चुनाव को लेकर 2 साल पहले नए परिसीमन के आधार पर मतदाता सूची तैयर हो गई थी. लेकिन ये काम दोबारा किया गया.
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