परिवार टूटने से बचा रही एमपी पुलिस! एक महीने में 900 घरों को बचाया
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परिवार टूटने से बचा रही एमपी पुलिस! एक महीने में 900 घरों को बचाया

महिला सुरक्षा शाखा और महिला आयोग के साथ राज्य विधिक प्राधिकरण ने मिलकर ई-मीडिएशन शुरू किया. जिसमें सफलता मिलने के बाद अब इसे प्रदेश के 52 जिलों में लागू किया जाएगा.

 परिवार टूटने से बचा रही एमपी पुलिस! एक महीने में 900 घरों को बचाया

भोपालः आपने अक्सर परिवार में छोटी-छोटी बातों में कलह की वजह से परिवार को टूटते हुए देखा होगा. जिसमें सबसे ज्यादा विवाद पति पत्नी के रिश्ते में होते हैं. इस मामलों में सबसे ज्यादा इजाफा कोरोना काल में देखने को मिला है. पारिवारिक विवाद के बढ़ते हुए मामले को देखते हुए इसके परामर्श के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने ई-मीडिएशन पायलट प्रोजेक्ट चलाया है. इसके तहत पुलिस को ई-मध्यस्थ के माध्यम से दोनों पक्षो को वर्चुअल तरीके से जोड़कर परिवार को टूटने से बचाने में सफलता मिल रही है. 
  
52 जिलों में ई-मीडिएशन शुरू करने की पहल
परिवार के बीच छोटी-छोटी नोकझोंक और घरेलू विवाद से परिवारों को टूटने से बचाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने पहल करते हुए ई-मीडिएशन पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के 3 शहरों भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में इस अभियान की शुरुआत की है. जिसमें पुलिस को एक माह के भीतर 900 परिवार को टूटने से बचाने में सफलता मिली है. 

महिला सुरक्षा शाखा और महिला आयोग के साथ राज्य विधिक प्राधिकरण ने मिलकर ई-मीडिएशन शुरू किया. जिसमें सफलता मिलने के बाद अब इसे प्रदेश के 52 जिलों में लागू किया जाएगा. ई- मीडिएशन में दोनों पक्षो को वर्चुअल जोड़कर उन्हें बेझिझक खुलकर बात कराकर आपसी सहमति बनाई जाती है और परिवार को टूटने से बचाया जाता है.

बढ़ती पारिवारिक कलह को देख शुरू की गई ई-मीडिएशन
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला सुरक्षा शाखा प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव से जी मीडिया ने बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना काल में घरेलू विवादों की संख्या में इजाफा हुआ है. बड़ी संख्या में मामले पुलिस और परामर्श केंद्र पहुंच रहे थे. परिवारों को जोड़ने में उतनी सफलता नहीं मिल पा रही थी क्योंकि सुनवाई के दौरान परामर्श केंद्र में पति पत्नी के बीच परामर्श में झिझक और ठीक से बातचीत में कठिनाई आती थी, तथा कई बार तो बुलावे के बाद भी दोनों पक्ष एक साथ पुलिस के पास नहीं पहुंचते थे. 

परिवार में छोटी-छोटी नोकझोंक में परिवार टूट जाते थे. पिछले कई साल से इस आकड़े में इजाफे बेहद चिंताजनक थे. इसको देखते हुए महिला सुरक्षा शाखा और महिला आयोग के साथ राज्य विधिक प्राधिकरण ने मिलकर ई-मीडिएशन प्रोजेक्ट शुरू किया जिसमें वर्चुअल दोनों पक्षो को जोड़कर चर्चा की गई तो चर्चा से बात बनी जिससे परिवार को टूटने से बचाने में सफलता मिली.

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ऐसे किया जाता है विवादों का समाधान
ई-मध्यस्थता में ओडीआर यानी ऑनलाइन विवाद समाधान प्लेटफार्म पर आपसी विवाद वाले मामले लाए जाते है. इसके बाद दोनों पक्षों को मोबाइल पर लिंक भेज दी जाती है इस लिंक के जरिए दोनों पक्ष को लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया जाता है. जिसमें पुलिस कर्मियों के लिए भी लॉगिन आईडी पासवर्ड की व्यवस्था होती है.दोनों पक्षो को वर्चुअल माध्यम से जोड़ने के बाद बेझिझक खुलकर बातचीत कराई जाती है जिसके बाद ज्यादात्तर मामलों में समझौते की बात बन जाती है और परिवार को टूटने से बचा लिया जाता है.

 

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