MP में शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी!, प्रदेश के ये MLA हैं मंत्रियों के रेस में
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MP में शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी!, प्रदेश के ये MLA हैं मंत्रियों के रेस में

दिल्ली में हुई बीजेपी की महत्वपूर्ण बैठक में 2023 के लिहाज से कॉफी अहम मानी गई. इस बैठक में संगठन को मजबूत करने और आगे की रणनीति को लेकर तैयारियां की गई हैं. 

MP में शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी!, प्रदेश के ये MLA हैं मंत्रियों के रेस में

भोपाल। मध्य प्रदेश में मिशन-2023 के लिए चुनावी मोड में आ चुकी बीजेपी अब कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में हैं, अमित शाह ने अपने दौरे में सत्ता से लेकर संगठन की सभी बारिकियों पर चर्चा की थी और कई अहम निर्देश भी दिए थे. अमित शाह के दौरे के बाद अब मध्य प्रदेश बीजेपी के सभी भी दिग्गज नेता राजधानी दिल्ली में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि इस बैठक में सत्ता और संगठन से जुड़े कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं, खास बात यह है कि बैठक को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी बड़ा फैसला होगा और जल्द ही राज्य में शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. ऐसे में हम आपको मंत्रिमंडल से जुड़े पूरे सियासी समीकरण बताने जा रहे हैं. 

ये नेता हुए बैठक में शामिल 
दिल्ली में हुई बीजेपी की महत्वपूर्ण बैठक में 2023 के लिहाज से कॉफी अहम मानी गई. इस बैठक में संगठन को मजबूत करने और आगे की रणनीति को लेकर तैयारियां की गई हैं, खास बात यह है कि इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, बीएल संतोष,  कैलाश विजयवर्गीय,  मुरलीधर राव, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बैठक में मौजूद रहे. 

शिवराज सरकार में 4 मंत्री पद खाली
दरअसल, 22 अप्रैल को मध्य प्रदेश के दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने शिवराज सरकार के मंत्रियों से उनके कामकाज को लेकर समीक्षा की थी. बताया जा रहा है कि कुछ मंत्रियों की रिपोर्ट सही नहीं पाई गई है. ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा फिर शुरू हुई है.  यही वजह है कि सीएम शिवराज केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर अपनी टीम का विस्तार कर सकते हैं. क्योंकि मंत्रिमंडल में फिलहाल चार मंत्रियों की जगह खाली है. फिलहाल सीएम सहित कैबिनेट में 31 मंत्री हैं. जबकि प्रदेश में कुल मंत्रियों की संख्या 35 हो सकती है. ऐसे में चर्चा है कि जल्द ही कुछ और नए मंत्रियों की नियुक्तियां हो सकती हैं. चर्चा तो यहां तक है कि कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. 

कई मंत्रियों की रिपोर्ट ठीक नहीं 
अमित शाह ने अपने दौरे में स्पष्ट किया था सबको अपना-अपना काम पूरी निष्टा से करना होगा. सूत्रों की माने तो जिन मंत्रियों का परफॉर्मेंस खराब है, ऐसे में मान जा रहा है कि उन मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं. सत्ता और संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक 10 मंत्रियों का परफॉर्मेंस खराब है. इनमें वे मंत्री शामिल हैं, जिनके पास भारी भरकम विभाग हैं. खबर तो यह भी है कि दो से तीन मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. हालांकि सीएम शिवराज चुनाव के पहले रिस्क नहीं लेना चाहेंगे, ऐसे में मंत्री पद से किसे हटाया जाएगा, यह फैसला केंद्रीय हाईकमान को लेना है. यह शिवराज मंत्रिमंडल का तीसरा विस्तार होगा. मंत्रिमंडल विस्तार में सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा इसमें सबसे अहम किरदार में रहेंगे. क्योंकि इन्हीं तीनों के के इर्द गिर्द सत्ता और संगठन का पूरा समीकरण चल रहा है. 

तीन बार हुआ मंत्रिमंडल का विस्तार
मार्च 2020 में सरकार के गठन के बाद से अब तक तीन बार मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है. दरअसल, 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्री, इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया को हार का सामना करना पड़ा. जिसके चलते तीनों मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था. वहीं तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत उपचुनाव जीतकर फिर से विधायक बन गए. जिसके बाद सीएम शिवराज सरकार ने दोनों को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया. इस तरह अब तक कुल तीन बार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है. जिससे मंत्रिमंडल में कुल चार पद खाली हैं. 

सिंधिया समर्थक मंत्री से लिया जा सकता है एक विभाग 
सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत इस वक्त राजस्व एवं परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, ऐसे में उनसे एक विभाग वापस लिया जा सकता है, इसके अलावा उपचुनाव से पहले इमरती देवी के पास महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्रालय था, जबकि एंदल सिंह कंसाना के पास पीएचई विभाग था. दोनों के चुनाव हारने के बाद यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार कर नए सिरे से सभी विभागों की जिम्मेदारी मंत्रियों को सौंपी जा सकती है. 

मंत्री पद चार, दावेदारों की लंबी लाइन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चौथी पारी में सीएम के सामने कैबिनेट विस्तार को लेकर लंबे समय से नामों को लेकर उलझन हो सकती है. क्योंकि मंत्रिमंडल में खाली चार पदों पर कई विधायकों की निगाहें टिकी हुई हैं. पिछली बार मंत्रिमंडल विस्तार में सीएम शिवराज के करीबी कई विधायक मंत्री नहीं बन पाए थे. जो अब फिर से मंत्री पद की उम्मीद में हैं. राजेंद्र शुक्ला, गौरीशंकर बिषेन, रामपाल सिंह, अजय विश्नोई, नागेंद्र सिंह, रमेश मेंदोला, गिरीश गौतम, पारस जैन, प्रदीप लारिया, गायत्री राजे पवार सहित अन्य कई विधायक दावेदार अब एक बार फिर मंत्री पद पाने की रेस में शामिल हो गए हैं.  

जातिगत समीकरणों पर होगा मंत्रिमंडल विस्तार 
खास बात यह है कि अगर शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो उसके जातिगत समीकरणों के आधार पर होने के पूरे चांस हैं क्योंकि अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि जातिगत लीडरशिप डेवलप करो. ऐसे में माना जा रहा है कि समुदाय के हिसाब से ही मंत्री बनाए जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि आदिवासियों को साधने के हिसाब से आदिवासी, ओबीसी वर्ग से मंत्रियों को लिया जा सकता है. हाल ही में जोबट सीट से उपचुनाव जीतने वाली आदिवासी समुदाय से सुलोचना रावत को भी मंत्री पद दिए जाने की चर्चा है, रावत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं, तब उन्हें मंत्री बनाए जाने का आश्वासन दिया गया था. 

अंचल का भी रखा जाएगा ध्यान 
खास बात यह है कि शिवराज मंत्रिमंडल में इस बार अंचलों का समीकरण भी बैठाया जाएगा. फिलहाल सबसे ज्यादा मंत्री ग्वालियर चंबल से हैं, यहां हर दूसरा विधायक मंत्री है, जबकि विंध्य और महाकौशल में सबसे कम मंत्री हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार विंध्य और महाकौशल से मंत्री बनाए जा सकते हैं. जबकि मालवा-निमाड़ और मध्य भारत अंचल से भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. 

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