2022 में बढ़ेगा शिवराज कैबिनेट का कुनबा? जानें मंत्रिमंडल का पूरा समीकरण
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2022 में बढ़ेगा शिवराज कैबिनेट का कुनबा? जानें मंत्रिमंडल का पूरा समीकरण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 जनवरी के बाद अपनी टीम से आगामी योजना और रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सीएम शिवराज अपनी टीम का विस्तार भी कर सकते हैं. क्योंकि मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं. 

सीएम शिवराज कर सकते हैं मंत्रिमंडल का विस्तार

भोपालः साल के पहले दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रियों से विभागों के काम काज की रिपोर्ट लेंगे. खास बात यह है कि नए साल में शिवराज सरकार में फेरबदल की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि निगम मंडलों की नियुक्ति के बाद अब सीएम शिवराज अपने मंत्रिमंडल का का विस्तार भी कर सकते हैं. 

मध्य प्रदेश में निगम मंडलों में सियासी नियुक्तियों के बाद अब नए साल में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ फेरबदल के संकेत मिलने शुरु हो गए हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी कैबिनेट के सभी मंत्रियों से विभागों का रिपोर्ट कार्ड लेंगे और मंत्रियों के साथ एक-एक करके चर्चा भी करेंगे, क्योंकि नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद अब विभागों को अहम बिंदुओ पर काम करना है. उसी को लेकर सभी मंत्रियों से यह चर्चा की जाएगी. जबकि मंत्रियों को नए साल के लिए टारगेट भी फिक्स किए जाएंगे. 

चार मंत्रियों के पद हैं खाली 
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 3 जनवरी के बाद अपनी टीम से आगामी योजना और रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि सीएम शिवराज अपनी टीम का विस्तार भी कर सकते हैं. क्योंकि मंत्रिमंडल में फिलहाल चार मंत्रियों की जगह खाली है. फिलहाल सीएम सहित कैबिनेट में 31 मंत्री हैं. जबकि प्रदेश में कुल मंत्रियों की संख्या 35 हो सकती है. ऐसे में जल्द ही कुछ और नए मंत्रियों की नियुक्तियां हो सकती हैं. 

तीन बार हुआ मंत्रिमंडल का विस्तार 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा मंत्रिमंडल में 30 मंत्री मौजूद हैं, जबकि मंत्रिमंडल में सीएम सहित कुल मंत्रियों की संख्या 34 हो सकती है, इसलिए खाली 4 पदों को लेकर कई सीनियर विधायक कतार में हैं. मार्च 2020 में सरकार के गठन के 100 दिन बाद सीएम ने कैबिनेट में पहली बार अपने 05 सहयोगी मंत्रियों को जोड़ा था, जिनमें नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और मीना सिंह शामिल थी. इसके बाद 2 जुलाई को 28 मंत्रियों ने एक बार फिर शपथ ली. जिसके बाद मंत्रियों की संख्या 33 हो गई थी. 

उपचुनाव में तीन मंत्रियों की हुई थी हार 
हालांकि तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत बिना विधायक पद के ही मंत्री बने थे. ऐसे में छह माह तक विधानसभा की सदस्यता नहीं पाने के चलते दोनों मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा. जबकि 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में शिवराज सरकार के तीन मंत्री, इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडोतिया को हार का सामना करना पड़ा. जिसके चलते तीनों मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था. वहीं तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत उपचुनाव जीतकर फिर से विधायक बन गए. जिसके बाद सीएम शिवराज सरकार ने दोनों को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया. इस तरह अब तक कुल तीन बार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है. जिससे मंत्रिमंडल में कुल चार पद खाली हैं. 

निगम मंडलों में हो चुकी है नियुक्तियां 
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने पिछले सप्ताह निगम-मंडलों में 16 अध्यक्ष और 9 उपाध्यक्ष की नियुक्ति की है. करीब डेढ़ साल के इंतजार के बाद नेताओं को सरकारी कुर्सी मिल गई है. जिनमें उपचुनाव हारने वाले 6 सिंधिया समर्थकों को भी एडजस्ट कर दिया गया है. ऐसे में अब माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी अपनी टीम में बदलाव कर सकते हैं. 

मंत्री पद चार, दावेदारों की लंबी लाइन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चौथी पारी में सीएम के सामने कैबिनेट विस्तार को लेकर लंबे समय से नामों को लेकर उलझन हो सकती है. क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट में कुल 31 सदस्य हैं. जबकि अधिकतम सदस्यों की संख्या 35 हो सकती है. फिलहाल कुल चार पद खाली हैं, जिसके लिए टकटकी लगाने वालों में शिवराज के पूर्व मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ नेता भी हैं. 

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