Unique Device: मध्यप्रदेश की एक छात्रा ने अनोखा डिवाइस बनाया है, जो लोगों की शुगर लेवल की जांच करने में मदद करेगा, खास बात यह इस डिवाइस से शुगर लेवल जांचने का तरीका भी अनोखा है.
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MP News: अभी अगर किसी की शुगर लेवल की जांच करनी होती है, तो उसके लिए उसके शरीर से खून की कुछ बंदें लेनी जरूरी होती हैं, क्योंकि बिना इसके खून की जांच नहीं होती है, लेकिन एमपी की एक छात्रा ने कमाल कर दिया है, क्योंकि उसने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जिसमें शुगर लेवल की जांच करने के लिए खून की जरुरत नहीं पड़ेगी, बल्कि एक फूंक मारने भर से शुगर लेवल की जांच हो जाएगी. खास बात यह है कि यह छात्रा एमपी के आदिवासी बहुल्य बालाघाट जिले से आती है, जिसने यह अनोखा डिवाइस अपनी मेहनत और दम पर बनाया है. जिसका नाम उसने 'शुगर ब्रीथ एसीटोन 3.0' रखा है.
शुगर लेवल जांचा जाएगा
भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में फिलहाल 'सृजन-2025' कार्यक्रम चल रहा है, जिसमें करीब 1627 नवाचारों में से चुने गए टॉप-150 इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स की यहां पर प्रदर्शनी लगी हुई है. यही पर छात्रा की तरफ से बनाया गया डिवाइस शुगर ब्रीथ एसीटोन 3.0 रखा है, जिससे शुगर लेवल की जांच होगी. अभिलाषा नाम की छात्रा की तरफ से बनाया गया यह डिवाइस अपने आप में अनोखा है जो आने वाले वक्त में मरीजों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है.
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कैसे काम करता है यह डिवाइस
छात्रा ने बताया कि वह बालाघाट के जेएसटी पीजी कॉलेज की स्टूडेंट है, उसने जो डिवाइस बनाया है वह हमारी सांस में मौजूद किटोन बॉडीज का विश्लेषण करती है, जो मरीज के शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने पर पता चलती है, ऐसे में जब मरीज डिवाइस में फूंक मारता है तो यह तीन श्रेणियों में रीडिंग दिखाती है, जिसमें 'लो' का मतलब शुगर लेवल कम है, सामान्य लेवल को 'मॉडरेट' बताती है, इसके अलावा 'हाई' यानि शुगर की मात्रा अधिक है, जो डायबिटीज का संकेत किसी भी इंसान के लिए हो सकता है. अभिलाषा ने कहा कि अक्सर लोगों को अपना शुगर लेवल की जांच कराने में सुई से डर लगता है, ऐसे में उन लोगों के लिए यह डिवाइस काम की चीज है, क्योंकि शुगर की जांच करना जरुरी होता है, यह अक्सर इंसान को बीमार बना देता है.
भारत सरकर ने दिया पेटेंट
अभिलाषा ने बताया कि उसके इस अविष्कार 'शुगर ब्रीथ एसीटोन 3.0 डिवाइस' को भारत सरकार की तरफ से पेटेंट दिया गया है. भोपाल से पहले ही इसे दिल्ली में हुए राष्ट्रीय युवा दिवस पर गैलरी में भी प्रदर्शित किया जा चुका है, जहां इसके सरकारी और तकनीकी विशेषज्ञों की तरफ से भी मान्यता मिल चुकी है. यह तकनीक बॉडी डिटेक्शन के कई ट्रायल्स के बाद पास हुई है जो इसकी विश्वसनीयता को दर्शाती है. बालाघाट की छात्रा की तरफ से बनाया गया यह अनोखा डिवाइस लोगों के लिए आने वाले वक्त में बहुत उपयोगी साबित हो सकता है.
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