नक्सलियों को घर, खेती, 5 लाख समेत सरकारी नौकरी देगी सरकार! जानिए क्या है नई सरेंडर नीति
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नक्सलियों को घर, खेती, 5 लाख समेत सरकारी नौकरी देगी सरकार! जानिए क्या है नई सरेंडर नीति

आत्मसमर्पण के बाद अच्छे काम करने वाले नक्सलियों को पुलिस में भी भर्ती किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकारी योजना के तहत आवास और खाद्यान्न भी दिया जाएगा. 

नक्सलियों को घर, खेती, 5 लाख समेत सरकारी नौकरी देगी सरकार! जानिए क्या है नई सरेंडर नीति

आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश में नक्सलियों पर लगाम लगाने का सरकार ने गजब प्लान तैयार किया है. दरअसल सरकार नई सरेंडर नीति ला रही है, जिससे राज्य में नक्सल गतिविधियों पर नकेल कसने की उम्मीद की जा रही है. इस नई सरेंडर नीति के तहत सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को घर, खेती, 5 लाख रुपए और कई अन्य सुविधाएं देगी.

इन जिलों में बढ़ी नक्सली गतिविधियां
बता दें कि मध्य प्रदेश में नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण नीति नहीं थी, जिसके चलते बीते 5 सालों में राज्य में एक भी नक्सली ने सरेंडर नहीं किया है. हाल के सालों में मध्य प्रदेश के मंडला, डिंडौरी, बालाघाट में नक्सल गतिविधियां बढ़ी हैं. नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाने वाली टीम ने खुद इस बात को स्वीकार किया है. राज्य में अभी करीब 100 नक्सली एक्टिव हैं.ऐसे में सरकार ने राज्य में नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सरेंडर नीति लागू करने का फैसला किया है.

क्या है नई सरेंडर नीति
बता दें कि नक्सल प्रभावित 5 राज्यों छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र्, उड़ीसा, झारखंड, आंध्र प्रदेश की सरेंडर नीतियों का अध्ययन करने के बाद एमपी की सरेंडर नीति बनाई गई है. इस सरेंडर नीति के तहत सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास के लिए घर, खेती, मुफ्त इलाज, राशन और प्रोफेशनल ट्रेनिंग के लिए हर महीने 6 हजार रुपए देगी! साथ ही नक्सली कैडर के हिसाब से सरेंडर होने पर इनाम भी दिया जाएगा, जिसमें 5 लाख रुपए की धनराशि के साथ ही सरकारी नौकरी भी देने की तैयारी है!

इतना ही नहीं जो माओवादी सजा काटने के लिए जेलों में बंद हैं, उन्हें पुलिस का सूत्रधार बनने पर पैरोल भी मिलेगी. आत्मसमर्पण के बाद अच्छे काम करने वाले नक्सलियों को पुलिस में भी भर्ती किया जा सकता है. इसके साथ ही सरकारी योजना के तहत आवास और खाद्यान्न भी दिया जाएगा. 

सीएम ने दी हरी झंडी
मध्य प्रदेश की इस नई सरेंडर नीति को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंजूरी दे दी है. अब कैबिनेट से इसका प्रस्ताव पास होते ही यह लागू हो जाएगी. बता दें कि मध्य प्रदेश में अभी तक पुरानी नीति चल रही थी लेकिन साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद सभी राज्यों को अपनी सरेंडर नीति बनाने के निर्देश दिए गए थे. जिसके बाद एमपी में अब नई सरेंडर नीति तैयार की है. 

क्या बोले अधिकारी
राज्य में एंटी नक्सल ऑपरेशन के आईजी शाजिद फरीद शापू ने जी मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि मंडला, डिंडौरी और बालाघाट जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में स्पेशलाइजेशन होकफोर्स, डिस्ट्रिक्ट टीम और केंद्रीय रिजर्व बल द्वारा लगातार संयुक्त ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सीमावर्ती राज्यों छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के साथ भी मिलकर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं. राज्य में बीते 3 साल में 7 हार्डकोर नक्सलियों को मारा गया है जबकि 4 को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि कई नीतियां चलाकर नक्सल पर लगाम कसी जा रही है और अब नई सरेंडर नीति से भी काफी फायदा मिलेगा. 

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