चंबल नदी को बचाने के लिए सख्त हुआ एनजीटी! सरकार के जवाब से जताई नाराजगी
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चंबल नदी को बचाने के लिए सख्त हुआ एनजीटी! सरकार के जवाब से जताई नाराजगी

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि चंबल नदी में खनन माफिया लगातार खनन कर रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने के लिए सरकार के पास कोई प्लान नहीं है.

चंबल नदी को बचाने के लिए सख्त हुआ एनजीटी! सरकार के जवाब से जताई नाराजगी

दुर्गेश साहू/जबलपुरः चंबल नदी के संरक्षण और उसमें पाए जाने वाले मगरमच्छों की सुरक्षा के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सख्त हो गया है. बता दें कि भिंड के लहार से कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने एनजीटी में याचिका दायर कर चंबल संभाग में रेत के अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की थी. विधायक ने याचिका में आरोप लगाया कि चंबल नदी में अवैध रेत खनन से नदी और नदी में पाए जाने वाले मगरमच्छों के लिए खतरा पैदा हो गया है.

एनजीटी ने जताई नाराजगी
बता दें कि कांग्रेस विधायक की याचिका पर एनजीटी ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था लेकिन सरकार की तरफ से पेश किए गए जवाब पर एनजीटी ने नाराजगी जाहिर की है. दरअसल सरकार की तरफ से एनजीटी में बताया गया है कि चंबल नदी के संरक्षण को लेकर सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके साथ ही मगरमच्छों के लिए भी सरकार ने योजना बनाई है लेकिन एनजीटी ने पाया कि ना तो चंबल नदी में अवैध खनन रुक पाया है और ना ही मगरमच्छ सुरक्षित नजर आ रहे हैं. 

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि चंबल नदी में खनन माफिया लगातार खनन कर रहे हैं लेकिन उन्हें रोकने के लिए सरकार के पास कोई प्लान नहीं है. याचिकाकर्ता ने ये भी आरोप लगाया है कि आए दिन सरकारी तंत्र पर खनन माफिया हमला करते हैं. खनन की वजह से मगरमच्छों की प्रजाति विलुप्त होती जा रही है. अब एनजीटी ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिए हैं कि वह खनन से जुड़ी एक रिपोर्ट एनजीटी में पेश करें. मामले पर अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी. 

बता दें कि चंबल नदी में अवैध खनन के चलते मगरमच्छों का प्रवास प्रभावित हो रहा है. मगरमच्छों को खनन के चलते नदी किनारे अंडे देने में समस्या हो रही है. यही वजह है कि वह चंबल नदी से कूनो नदी में जाकर अंडे दे रहे हैं. ऐसे में खतरा पैदा हो गया है कि एक दिन चंबल नदी से सारे मगरमच्छ गायब हो सकते हैं.

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