नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का हिस्सा बनने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट NHAI InvIT को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है. ये जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी गई.
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नई दिल्ली: नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का हिस्सा बनने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट NHAI InvIT को लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है. ये जानकारी एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी गई. नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, निजी हाथों को सरकारी संपत्तियों के प्रयोग का हक़ दे कर 6 लाख करोड़ रुपए जुटाने की महात्वाकांक्षी योजना है जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल अगस्त में लॉन्च किया था.
इस योजना के तहत NHAI InvIT के तहत घरेलू और विदेशी निवेशकों के लिए लंबी अवधि की प्रकृति को देखते हुए NHAI ने अपने कई प्रोजेक्ट की पहचान की है. NHAI InvIT के लॉन्च होने के साथ ही दो इंटरनेशनल पेंशन फंड ने इसमें मुख्य निवेशक के तौर पर दिलचस्पी दिखाई है. ये दोनों फंड कनाडा के कैनेडियन पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड और ऑन्टेरियो टीचर्स पेंशन प्लान बोर्ड हैं. इन दोनों फंड के निवेश के बाद बाकी बची संपत्तियों को घरेलू संस्थागत निवेशकों के लिए रखा गया है.
NMP के तहत NHAI InvIT ने अपने शुरुआती पोर्टफोलियो के लिए 5 रोड प्रोजेक्ट की पहचान की है जिससे 5000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. इस पोर्टफोलियो में बाद में और भी प्रोजेक्ट्स को जोड़ने की योजना है. NHAI InvIT में विदेशी पेंशन फंड के निवेश से नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के लिए निवेशकों को आकर्षित करने की NHAI की क्षमता साफ हो गई है जिसे बहुत अच्छा संकेत माना जा रहा है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास है.
एसेट मोनेटाइजेशन की झलक 2021-22 के बजट भाषण में ही दिख गई थी. जब केंद्र सरकार ने इस पर काफी जोर देने की घोषणा की थी. केंद्र सरकार कोरोना संकट के इस दौर में पैसे की तंगी से जूझ रही है. मोदी सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट के लिए फाइनेंस जुटाने के नए रास्ते भी तलाश रही है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में दरअसल नए बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सार्वजनिक बुनियादी ढांचा संपत्ति का मुद्रीकरण एक बहुत महत्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प बताया था. सरकार संपत्तियों के मुद्रीकरण को केवल वित्तपोषण का साधन मात्र ही नहीं बल्कि ढांचागत परियोजनाओं के रखरखाव और विस्तार की बेहतर रणनीति के तौर पर देख रही है. इस स्कीम के जरिए मोदी सरकार की 6 लाख करोड़ जुटाने की योजना है. इसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, पावर ग्रिड पाइपलाइन समेत छह लाख करोड़ रुपये की बुनियादी संपत्तियों के मुद्रीकरण की योजना को मोदी सरकार अंतिम रूप दे दिया है.
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