अपराधियों की ईमानदारी! एक साइन, 36 महीने नो क्राइम, पुलिस के साथ हो रहा एग्रीमेंट
Advertisement

अपराधियों की ईमानदारी! एक साइन, 36 महीने नो क्राइम, पुलिस के साथ हो रहा एग्रीमेंट

आदतन अपराधी 3 माह से 3 साल तक का बॉन्ड भरते हैं. वो इस समय सीमा में किसी भी तरह के अपराध न करने के लिए बाध्य होते हैं. 

अपराधियों की ईमानदारी! एक साइन, 36 महीने नो क्राइम, पुलिस के साथ हो रहा एग्रीमेंट

भोपाल: अपराधों में कमी लाने के लिए पुलिस और प्रशासन की अपराधियों के खिलाफ मुहिम की बात आम होती है, लेकिन क्या कोई ये सोच सकता है कि कोई अपराधी पुलिस के साथ निश्चित समय अवधि के लिए नो क्राइम बॉन्ड पर साइन भी कर सकता है. नहीं... तो जान ले इन दिनों भोपाल पुलिस के 'ऑपरेशन पवित्र' के तहत ऐसा हो रहा है. पुलिस शहर में अपराधियों से बॉन्ड भरवा रही है.

397 लोगों के साथ हुआ करार
अलग-अलग अपराधों में आरोपी रह चुके 397 लोगों ने पुलिस से करार किया है. इनसे CRPC की धारा 107-116 और 110 के तहत पुलिस 5 हजार से 50 हजार रुपए तक के बॉन्ड भरवा रही है. इसके तहत आदतन अपराधी 3 माह से 3 साल तक का बॉन्ड भरते हैं. वो इस समय सीमा में किसी भी तरह के अपराध न करने के लिए बाध्य होते हैं. अगर वो ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

पहले भी हो चुका है ऐसा
हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है, जब भोपाल में अपराधियों से ऐसे बॉन्ड भराए जा रहे हो. पिछले साल भी करीब 1100 लोगों से ऐसे बॉन्ड भरवाए गए थे. हालांकि भोपाल में कमिश्नर सिस्टम के तहत ऐसा पहली बार हो रहा है. अब तक बॉन्ड शर्तों का उल्लंघन करने पर बदमाश को जेल भेजने के अधिकार संबंधित SDM को होते थे, जो अब ACP को मिल गए हैं.

क्या होते हैं ये बॉन्ड
एडिशनल पुलिस कमिश्नर सचिन अतुलकर ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बदमाशों का बॉन्ड भरवाने के अधिकार एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पास होते हैं. इसमें CRPC के तहत आदतन बदमाश और अनावेदकों से मुचलका भरवाया जाता है. बॉन्ड भरने की अगली तय समय सीमा तक उक्त व्यक्ति को कोई अपराध न करने का लिखित वादा करना होता है. ये बॉन्ड 3 माह से 3 साल तक के लिए होते हैं.

क्या है नियम और सजा
धारा 107-116 में अधिकतम एक साल और 110 में अधिकतम 3 साल तक का बांड भरवाया जा सकता है. यदि बदमाश ने बांड भरने के 15वें दिन अपराध किया तो मुचलका राशि जब्त कर ली जाती है. यदि वह मुचलका नहीं भर पाता है तो साढ़े पांच महीने के लिए उसे जेल भेजने का प्रावधान है.

कौन भेजेगा जेल
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पहले पुलिस बॉन्ड भरवा लेती थी, लेकिन उसके उल्लंघन पर कार्रवाई करने के अधिकार उसके पास नहीं थे. अब नए सिस्टम में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकार ACP के पास होंगे. वो बॉन्ड तोड़ने के हालात में आरोपी की मुचलका राशि जब्त कर उसे जेल भेज सकते हैं.

Trending news