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उत्तराखंड ही नहीं MP की इन पहाड़ियों में भी छिपी हैं चमत्कारी जड़ी-बूटियां, जड़ से खत्म करती हैं ये बीमारियां

MP Health News: मध्य प्रदेश की पहाड़ियों और जंगलों में एक ऐसा खजाना छिपा है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. यह खजाना है, जड़ी बूटियां. इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. आइए, आज जानते हैं कौन सी जड़ी-बूटी कहां पाई जाती है और उनके क्या-क्या फायदे हैं.

 

सतपुड़ा की पहाड़ियां

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सतपुड़ा की पहाड़ियां

सतपुड़ा की पहाड़ियों में अश्वगंधा, तुलसी, और नीम जैसी जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं. अश्वगंधा तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करती है, तुलसी सर्दी और खांसी से बचाव में मदद करती है और शरीर को शुद्ध रखती है, जबकि नीम त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है. ये जड़ी-बूटियां न केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोगी हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं. (PC: Meta AI)

 

विंध्याचल की पहाड़ियां

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विंध्याचल की पहाड़ियां

विंध्याचल की पहाड़ियों में गिलोय, शतावरी और ब्राह्मी जैसी जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं. गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, शतावरी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, जबकि ब्राह्मी स्मृति और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करती है. ये जड़ी-बूटियां न केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोगी हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं. (PC: Meta AI)

छिंदवाड़ा के जंगल

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छिंदवाड़ा के जंगल

छिंदवाड़ा के वनों में आंवला, हरड़, और बहेड़ा जैसे औषधीय पौधे पाए जाते हैं. आंवला विटामिन सी का अच्छा स्रोत है और इम्यूनिटी बढ़ाता है, हरड़ पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जबकि बहेड़ा भी पाचन संबंधी समस्याओं में मदद करता है. ये पौधे आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण हैं और स्थानीय लोगों के लिए भी उपयोगी हैं. (PC: Meta AI)

डिंडोरी के जंगल

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डिंडोरी के जंगल

डिंडोरी के वनों में सफेद मूसली, कूठ और वचा जैसी जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं. सफेद मूसली शारीरिक ताकत और वीर्य बढ़ाने में मदद करती है, कूठ पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं में उपयोगी है, जबकि वचा स्मृति और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करती है. ये जड़ी-बूटियां आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण हैं और स्थानीय लोगों के लिए भी उपयोगी हैं. (PC: Meta AI)

नर्मदापुरम के जंगल

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नर्मदापुरम के जंगल

नर्मदापुरम के जंगलों में कई प्रकार की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनमें से बेल पत्र और ग्वारपाठा प्रमुख हैं. बेल पत्र पाचन संबंधी समस्याओं में मदद करता है, जबकि ग्वारपाठा त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद माना जाता है. (PC: Meta AI)

 

उज्जैन के आसपास के क्षेत्र

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उज्जैन के आसपास के क्षेत्र

उज्जैन के आसपास के क्षेत्रों में कई प्रकार की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनमें से अजवाइन और मेथी सबसे ज्यादा होती है. अजवाइन पाचन संबंधी समस्याओं में मदद करती है, जबकि मेथी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है. (PC: Meta AI)

 

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