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भोपाल का खतरनाक ‘90 डिग्री ब्रिज’ अब होगा रिडिजाइन, सोशल मीडिया मीम्स के बाद जागा प्रशासन!

Bhopal 90 Degree Viral Bridge-मध्यप्रदेश का राजधानी भोपाल में बना 90 डिग्री एंगल वाला रेलवे ओवर ब्रिज सोशल मीडिया पर जमकर छाया हुआ है. पिछले कुछ दिनों में इस ब्रिज पर लोगों ने जमकर रिएक्शन दिए. किसी ने इंजीनियर का मजाक उड़ाया, तो किसी ने सरकार पर सवाल किए और कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार की बातें भी कही. यहां भी यह किस्सा खत्म नहीं हुआ, ब्रिज पर जमकर मीम्स भी बनाए गए. सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद शायद प्रशासन की नींद अब खुल गई है. क्योंकि अब इस रेलवे ओवर ब्रिज को रिडिजाइन किया जाएगा. कमाल की बात तो यह है कि ब्रिज की डिजाइन तैयार करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. 

 

90 डिग्री वाला पुल

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90 डिग्री वाला पुल

भोपाल के ऐशबाग इलाके में बने 90 डिग्री एंगल वाला ब्रिज अब रिडिजाइन होगा. पीडबल्यूडी अफसर इसे रेलवे के साथ मिलकर रिडिजाइन करेंगे. यह ब्रिज टूटेगा नहीं सिर्फ इसकी टर्निंग को सही किया जाएगा, ताकि हादसों के खतरों को टाला जा सके. साथ ही डिजाइन तैयार करन वालों पर भी कार्रवाई होगी. 

 

मंत्री ने कराई थी जांच

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मंत्री ने कराई थी जांच

इस मामले में मंत्री राकेश सिंह ने एनएचएआई से जांच करवाई थी. जिसकी रिपोर्ट में कहा गया था कि 35-40 से ज्यादा की गति से गाड़ी ब्रिज पर ना चलाई जाए. इससे ज्यादा स्पीड होने पर हादसा होना का खतरनाहै. इसके बाद ही इसे रिडिजाइन करने का फैसला लिया गया है. 

 

सोशल मीडिया उड़ा मजाक

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सोशल मीडिया उड़ा मजाक

यह ब्रिज अपनी अनोखी डिजाइन के कारण छाया हुआ है. लोग सोशल मीडिया पर इस ब्रिज के खूब मीम्स बना रहे हैं. इस ब्रिज पर 90 डिग्री के एंगल से मोड़ दिया गया है. इसी टर्न को लेकर लोगों ने सवाल किया कि लोग मुड़ेंगे कैसे. इसी डिजाइन के चलते ब्रिज बनाने वालों को ट्रोल भी किया गया. इतना ही नहीं खूब मजाक भी उड़ाया गया है. 

ब्रिज से नीचे गिरने का रहेगा खतरा

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ब्रिज से नीचे गिरने का रहेगा खतरा

ट्रैफिक एक्सपर्ट डॉ. सिद्धार्थ रोकड़े ने कहा कि यदि जगह की कमी के कारण एंगल कम दिया जाए तो गाड़ियों की स्पीड पर नियंत्रण जरूरी है. यहां सिर्फ साइन बोर्ड लगाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि यहां स्पीड कम करने के तरीके अपनाने होंगे. यदि यह नहीं किए गए तो गाड़ी नीचे गिर सकती है.

 

रेलवे ने जताई थी आपत्ति

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रेलवे ने जताई थी आपत्ति

हैरानी की बात तो यह है कि रेलवे ने ब्रिज के निर्माण के समय इस 90 डिग्री टर्निंग पर आपत्ति की थी, लेकिन इंजीनियरों ने जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा कि कोई विकल्प नहीं है. इलाके में आरओबी एक जरूरत है और इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा. 

 

अभी तक नहीं हुआ निर्माण पूरा

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अभी तक नहीं हुआ निर्माण पूरा

इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से ये नहीं बन सका है. अब रिडिजाइन के बाद इसमें और समय लगेगा. इस ब्रिज की कुल लागत 18 करोड़ रुपए है. 648 मीटर लंबे और 8 मीटर की चौड़ाई वाले इस ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है. 

 

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