Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2675870
photoDetails1mpcg

छावा फिल्म वाले MP के इस किले में क्या सच में छुपा है खजाना, दफन है कई रहस्य

MP Asirgarh Fort Of Chhava Film: हाल ही में रिलीज हुई फिल्म छावा देखने के बाद से एमपी के एक महल की काफी चर्चा हो रही है. विक्की कौशल अभिनीत फिल्म छावा में मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में छुपे एक इतिहास को उजागर किया गया है. फिल्म में दिखाया है कि मुगलों ने मराठा से सोना और खजाना लूटकर असीरगढ़ किले में कहीं गाड़ दिया था. फिल्म देखने के बाद से मध्य प्रेदश के इस किले पर लोगों की भीड़ लगती दिख रही है. लोग सोने के सिक्कों की तलाश कर रहे हैं. इतिहासकारों का भी कहना है कि बुरहानपुर मुगलकाल में एक धनवान शहर हुआ करता था. साथ ही यहां पर मुगलों का सिक्का बनाने का कारखाना भी था. तो क्या सच में मुगलों ने इस किले में खजाना छिपा रखा है? इन दावों पर इतिहासकारों का क्या मानना है जानने के लिए पढ़े पूरी खबर....

 

असीरगढ़ किला

1/9
असीरगढ़ किला

बुरहानपुर में स्थित असीरगढ़ किला अपने रहस्यमयी इतिहास के साथ- साथ अद्भुत वास्तुकला और प्रमुख पर्यटन स्थल के लिए जाना जाता है. किले की खासियत अंदर स्थित मस्जिद, शिव मंदिर और महल है. तीन भागों में बंटा ये किला अपने वास्तुकला का सुंदरता से दूर से लोगों को आकर्षित करता है. दक्षिण का द्वार से भी जाना जाने वाले इसे किले का पहला भाग असिर्गगढ़ है दूसरा कमरगढ़ है और तीसरा मलयगढ़ है. 

गांव के लोगों के दावे

2/9
गांव के लोगों के दावे

सतपुड़ा की पहाड़ियों पर स्थित ये किला आजकल काफी सुर्खियों में बना हुआ है. कहा जा रहा कि किले के आसपास असीर गांव के लोगों को खजाना मिला है. लोग दावा कर रहे कि उन्हे खजाने के रूप में मुगल काल के सोने और चांदी के सिक्के मिल रहे हैं. 

छावा

3/9
छावा

फिल्म छावा न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर रही है बल्कि लोगों के दिलों पर भी छाई हुई है. फिल्म में छत्रपति संभाजी महाराज की कहानी जानकर हर कोई अचंभित है. विक्की कौशल अभिनित फिल्म छावा ने मध्य प्रदेश में कुछ अलग जोश भर दिया है. कारण है फिल्म में दिखाया बुरहानपुर का इतिहास, जिसे जानकर मध्य प्रदेशवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. 

 

 

बुरहानपुर का इतिहास

4/9
बुरहानपुर का इतिहास

दरअसल इस फिल्म में बुरहानपुर के इतिहास को उजागर किया गया है . फिल्म में दिखाया गया है कि बुरहानपुर जिले से 20 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक असीरगढ़ किले में मुगलों ने मराठा से सोना और खजाना लूट कर इसी किले में कहीं गाड़ दिया था.

 

खजाने की अफवाह

5/9
खजाने की अफवाह

अब किले में छिपी खजाने की बात लोगों के दिमाग पर ऐसे बैठ गई है कि असीर गांव के लोगों ने खजाने कि खोज में कई एकड़ जमीन तक खोद दाली है. 

 

लोगों के दावे

6/9
लोगों के दावे

कुछ लोग ऐसे भी है जो ये दावा कर रहे कि उन्हें यहां पर पहले भी मिट्टी में सोने के सिक्के मिल चुके हैं. अब एक बार फिर दूर-दूर से लोग मिट्टी में दबा खजाना ढूंढने रात के अंधेरे में बुरहानपुर पहुंच रहे हैं. 

 

चर्चा का विषय

7/9
चर्चा का विषय

हर कोई इस स्थान पर कुल्हाड़ी, मेटल डिटेक्टर, खुरपी लिए खजाने की खोज में पहुंच रहा है. किले के पास दिख रही लोगों की भीड़ ने इस विष्य को चर्चाओं में ला दिया है. 

 

इतिहासकारों के दावे

8/9
इतिहासकारों के दावे

ऐसे तथ्यों पर इतिहासकारों के दावे ज्यादा मायने रखते हैं . कुछ इतिहासकार बताते हैं कि बुरहानपुर एक समय पर मुगल सैनिकों की छावनी हुआ करती थी. कई मुगल शासक इस जगह पर अपना साम्रराज्य बसाया करते थे. इतना ही नहीं, आगरा की शान ताज महल को भी पहले बुरहानपुर में ही बनाने की योजना थी. 

इतिहासकार बताते हैं कि बुरहानपुर मुगलकाल में धनवान शहर हुआ करता था. यहां पर मुगलों का सिक्का बनाने का कारखाना भी था. कई लोग तो अपने खजाने को जमीन में छिपा दिया करते थे जिसकी वजह से लोगों को यहां सोने और चांदी के सिक्के मिलते रहते हैं. 

 

 

किले के अनसुलझे रहस्य

9/9
किले के अनसुलझे रहस्य

इन दावों को सुनकर ऐसा कहा जा सकता है कि असीरगढ़ एक मामूली किला नहीं है. ये किला ना सिर्फ अपने खजानों के लिए चर्चाओं में बना रहता है बल्कि इस किले को लेकर कई ऐसे दावे भी किए जाते है जो हैरान करने के साथ- साथ सोचने पर भी मजबूर कर देते हैं.

 

;