Chhindwara Nagdwar Yatra: मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध नागद्वार यात्रा इस साल 19 जुलाई से शुरू होगी और 29 जुलाई नाग पंचमी तक चलेगी. इस यात्रा की खास बात यह है कि इसका मार्ग साल में एक बार ही खुलता है, जहां जाने में श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. यह पवित्र यात्रा छिंदवाड़ा जिले के दमुआ ब्लॉक के आल्मोद गांव से शुरू होती है. जानिए क्या है इस यात्रा की मान्यता.
मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध नागद्वार यात्रा छिंदवाड़ा जिले के दमुआ ब्लॉक के आल्मोद गांव से शुरू होती है. इस साल यह यात्रा 19 जुलाई से शुरू होकर 29 जुलाई नाग पंचमी तक चलेगी. यहां कई श्रद्धालु पहुंचते हैं.
यह पवित्र यात्रा सतपुड़ा के घने जंगलों और कल-कल करती नदियों के बीच से होकर गुजरती है. यह श्रद्धालुओं के लिए आस्था, रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर होती है.
यह पवित्र यात्रा छिंदवाड़ा जिले के दमुआ ब्लॉक स्थित अल्मोद गांव से शुरू होती है. इसके बाद श्रद्धालु रौरी घाट, काजरी गांव, मछंदरनाथ, गोरखनाथ, बिचबिहारी और झालामऊ को पार करते हुए नागद्वार देवस्थान पहुंचते हैं.
जानकारी के अनुसार, यह कठिन नागद्वार यात्रा वन विभाग की अनुमति से साल में सिर्फ एक बार नागद्वारी मेले के दौरान खोली जाती है. इस यात्रा में मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के भी श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं.
मान्यता है कि इस यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं को नाग देवता के दर्शन होते हैं, लेकिन आज तक किसी के सांप काटने की घटना सामने नहीं आई है। यात्रा के दौरान कई पहाड़ और गुफाएं मिलती हैं.
इस साल यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. छिंदवाड़ा कलेक्टर और एसपी ने इसकी कमान संभाल ली है. इस यात्रा में हर साल करीब 25 हजार श्रद्धालु शामिल होते हैं, जिसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाएगा.
यात्रा मार्ग पर अनेक सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है. प्रशासन और ग्राम पंचायतें तीर्थयात्रियों के लिए भोजन, आवास और स्वास्थ्य की व्यवस्था करती हैं. (सोर्स- नई दुनिया)
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