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Zee Madhya Pradesh ChhattisgarhPhotosएमपी में हर 100 किलोमीटर पर बदल जाती है जुबान, जानिए आपके इलाके में कौन सी बोली जाती है भाषा?
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एमपी में हर 100 किलोमीटर पर बदल जाती है जुबान, जानिए आपके इलाके में कौन सी बोली जाती है भाषा?

How Many Languages ​​Spoken in MP: भारत के दिल मध्य प्रदेश की खूबसूरती केवल उसकी झीलों, मंदिरों और जंगलों में ही नहीं, बल्कि उसकी भाषाई विविधता में भी झलकती है. यहां की आधिकारिक भाषा हिंदी है, लेकिन हर क्षेत्र में यह हिंदी अपनी अलग बोली और लहजे में ढल जाती है. जैसे पंजाब में पंजाबी, वेस्ट बंगाल में बंगाली और कर्नाटक में कन्नड़ बोली जाती है, वैसे ही सवाल उठता है. मध्य प्रदेश में कौन सी भाषा बोली जाती है? दरअसल, यहां की हिंदी कई बोलियों में बंटी है. आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश के किन हिस्सों में कौन-कौन सी भाषाएं बोली जाती हैं.

How Many Languages ​​Spoken in MP

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How Many Languages ​​Spoken in MP

मध्य प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है, जो हर किसी के दिल पर राज करता है. हर कोई यहां पर घूमना फिरना चाहता है. इसकी वजय यह है कि यहां की खूबसूरती लोगों को काफी पसंद आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एमपी में कहां कौन सी भाषा बोली जाती है. आइए जानते हैं. 

मालवा क्षेत्र

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मालवा क्षेत्र

मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में मालवी भाषा बोली जाती है. यह उज्जैन, इंदौर, रतलाम, मंदसौर, देवास, और शाजापुर जिलों में सबसे आम बोली जाने वाली भाषा है. मालवी की टोन मुलायम और भावपूर्ण होती है. इसमें हिंदी के साथ स्थानीय शब्दों का मेल है, जो इसे एक खास पहचान देता है.

बुंदेलखंड

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 बुंदेलखंड

बुंदेलखंड क्षेत्र में बोली जाने वाली बुंदेली या बुंदेलखंडी भाषा अपनी दृढ़ता और जोश के लिए जानी जाती है. यह छतरपुर, टीकमगढ़, दतिया, सागर, दमोह और पन्ना जिलों में प्रमुख रूप से बोली जाती है. यह बोली लोकगीतों और लोककथाओं में आज भी जीवित है और बुंदेलखंड की पहचान मानी जाती है.

बघेलखंड

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बघेलखंड

रीवा, सीधी, सतना, उमरिया और शहडोल जैसे जिलों में बघेली या बघेलखंडी भाषा बोली जाती है. इसकी ध्वनि तेज और स्पष्ट होती है. बघेली में कई संस्कृत और अवधी के शब्द मिलते हैं. इस क्षेत्र के लोकगीतों और कहानियों में यह बोली गहराई से जुड़ी है.

 

नर्मदा घाटी

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नर्मदा घाटी

खरगोन, बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर और अलीराजपुर के इलाकों में निमाड़ी भाषा बोली जाती है. यह नर्मदा घाटी की आत्मा मानी जाती है. निमाड़ी में हिंदी, गुजराती और मराठी के शब्दों का मिश्रण मिलता है. इसकी बोली में एक विशेष लय और गर्मजोशी महसूस की जा सकती है.

चंबल इलाका

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चंबल इलाका

मुरैना, भिंड, श्योपुर और ग्वालियर के कुछ हिस्सों में ब्रज भाषा बोली जाती है. यह वही भाषा है जो भगवान कृष्ण के ब्रज क्षेत्र से जुड़ी है. ब्रज भाषा में भावनाओं की गहराई होती है और यह मध्य भारत में हिंदी के सबसे पुराने रूपों में से एक है.

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इसके अलावा, मध्य प्रदेश में मराठी और उर्दू भी कुछ सीमावर्ती जिलों जैसे बुरहानपुर, खंडवा और भोपाल में बोली जाती हैं. वहीं, जनजातीय क्षेत्रों में भीली, गोंडी, कोरकू, भिलाली जैसी आदिवासी बोलियां प्रचलित हैं. ये बोलियां न केवल संवाद का माध्यम हैं, बल्कि इन जनजातियों की संस्कृति, गीत और परंपरा की धड़कन हैं.