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Sandalwood Farming Tips: दक्षिण भारत ही नहीं, MP के किसान भी कर सकेंगे सफेद चंदन की खेती, जानें तौर-तरीका

Chandan Ki Kheti: अक्सर लोग सोचते हैं कि चंदन का पेड़ सिर्फ दक्षिण भारत के इलाकों में उगाया जा सकता है. लेकिन असलियत यह है कि इसे मध्य प्रदेश की मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. खासकर छतरपुर और बुंदेलखंड जैसे इलाकों में सफेद चंदन की खेती तेजी से बढ़ रही है. आइए इसके तौर तरीके के बारे में विस्तार से जानते हैं. 

सफेद चंदन की खेती

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सफेद चंदन की खेती

आस्था ग्रीन विलेज नर्सरी के मैनेजर राजू गौतम ने बताया कि छतरपुर और बुंदेलखंड के इलाके में सफेद चंदन की खेती ही सबसे ज्यादा सफल होती है. यहां की मिट्टी और मौसम लाल चंदन के लिए अनुकूल नहीं हैं. लाल या पीले चंदन के पेड़ यहां उग तो जाते हैं, लेकिन उनमें वो क्वालिटी नहीं आती, खासकर सैंड नहीं बनता, जो चंदन की असली पहचान होती है. इसलिए नर्सरी में लाल और पीला चंदन सिर्फ लोगों को दिखाने (डेमो) के लिए लगाया गया है.

5300 सफेद पौधे तैयार

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5300 सफेद पौधे तैयार

राजू गौतम का कहना है कि उनकी नर्सरी में अब तक करीब 5300 सफेद चंदन के पौधे तैयार किए जा चुके हैं. शुरुआत में जब बीज नहीं मिल रहे थे, तो कर्नाटक से मंगवाए गए. लेकिन अब वे खुद बीज से पौधे तैयार कर रहे हैं. नर्सरी में कोई भी किसान या व्यक्ति 1 से लेकर 1000 तक पौधे खरीद सकता है.

यहां जानें पौधे की कीमत

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यहां जानें पौधे की कीमत

एक सफेद चंदन के पौधे की कीमत 100 रुपये है. अगर कोई किसान एक साथ 500 या उससे अधिक पौधे खरीदता है, तो उसे 10 प्रतिशत की छूट भी दी जाती है. इससे किसानों को बड़े पैमाने पर खेती करने में आर्थिक फायदा मिलता है.

 

चंदन लगाने का सही समय

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चंदन लगाने का सही समय

राजू बताते हैं कि सफेद चंदन लगाने का सबसे बढ़िया समय 15 जून से 15 जुलाई के बीच होता है. हालांकि इसे सितंबर तक भी लगाया जा सकता है, लेकिन पहली तीन बारिश के बाद पौधा लगाने से उसकी ग्रोथ अच्छी होती है. गर्मी के मौसम में ही पहले से गड्ढे तैयार कर लेना चाहिए ताकि समय पर पौधा लगाया जा सके.

गड्ढा तैयार करने की विधि

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गड्ढा तैयार करने की विधि

गड्ढा बनाने के लिए अप्रैल से जून तक का समय सही होता है. 2 बाय 2 फीट का गड्ढा खोदकर उसमें सूखा गोबर कंडा भर दें और उसमें आग लगाकर उसे जलाएं. इसके बाद जितनी मिट्टी निकली थी, उतनी ही मात्रा में सड़ी हुई गोबर खाद मिलाकर वापस भर दें. तीन बारिशों के बाद मिट्टी बैठ जाती है, तब उसमें पौधा लगाया जाना चाहिए.

 

कानूनी प्रक्रिया-पंजीकरण

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कानूनी प्रक्रिया-पंजीकरण

सरकारी नियमों के अनुसार, जब चंदन का पौधा तीन साल का हो जाता है, तो उसका रिकॉर्ड पटवारी के पास खसरे में दर्ज करवाना होता है. तब तक यह नर्सरी श्रेणी में आता है. 12 साल बाद जब पेड़ कटाई के लायक हो जाता है, तो तहसीलदार के कार्यालय में आवेदन देना पड़ता है. सही तरीके से देखभाल की जाए तो एक पेड़ से 4 से 5 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है. (सोर्सः न्यूज18)

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