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MP में नर्मदा के किनारे मिलता है अनोखा भटा, चोखे के लिए है फेमस, जानिए खासियत

MP News: नरसिंगपुर में एक ऐसी सब्जी उगाई जाती है, जो ना सिर्फ स्वाद बल्कि सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद साबित होती है. इस सब्जी को सिर्फ नरसिंगपुर के बरमान घाट पर ही पाया जाता है.

 

हाइब्रिड सब्जियां

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हाइब्रिड सब्जियां

हाइब्रिड सब्जियों के दौर में सब्जी की कई किस्म लुप्त सी हो गई है. प्रदेश के किसानों ने भी इनके कम डिमांड की वजह से इन्हे उगाना कम कर दिया है, लेकिन हम जिस सब्जी की बात कर रहे वो ना सिर्फ स्वाद बल्कि हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होती है.

नरसिंहपुर

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नरसिंहपुर

नरसिंहपुर जिले के बरमान के भटे यानि बैगन ने अपनी पहचान आज भी बरकरार रखी हुई है. दरअसल, नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी पर बरमान नाम का एक घाट स्थित है. यहां नर्मदा नदी एक टापू का निर्माण करती है. इस टापू के दोनों तरफ से नर्मदा बहती हैं. इस जगह पर बरसात में जब तेज बहाव आता है, तो नदी के साथ आने वाली रेतीली मिट्टी इस टापू पर जमा हो जाती है.

 

बरमान का भाटा

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बरमान का भाटा

इसी टापू पर सैकड़ों साल से एक बैगन की फसल उगाई जा रही है जिसे बरमान के भटे के नाम से जाना जाता है. इस बैगन की खास बात तो ये है कि ठंड के मौसम में इस बैगन का वजन 5 किलो तक का हो जाता है मानो मिट्टी ने सब्जी नहीं फूटबॉल पैदा किया हो. गौर करने की बात तो ये है कि बढ़ते तापमान के बीच भी 5 किलो ना सही लेकिन 2 किलो का भटा पैदा हो रहा जिसे यहां घूमने आए पर्यटक बैंगन का भर्ता बनाकर स्वाद लेते हैं.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

कहते है कि इस बैंगन को उसकी पहचान अभी तक नहीं मिली है. दरअसल, USA के लोबा नाम के शहर में रहने वाले एक किसान ने दावा किया था कि उनके खेत में 3 किलो 800 ग्राम का एक बड़ा बैगन पैदा हुआ था. जिसे दुनिया का सबसे बड़ा बैंगन का नाम मिला था. उनके इस बैगन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया था, वहीं एमपी के नरसिंहपुर में उग रहे 5 किलो के बैगन को देशभर में भी प्रसिद्धी नहीं मिली है.

रामनगर बैगन

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रामनगर बैगन

वहीं भारत में बनारस के रामनगर में ठंड के दिनों में रामनगर बैगन का उत्पादन किया जाता है. जिसे जी आई टैग मिल चुका है. इन दो कारणों को देखकर यही साबित होता है कि एमपी के इस दुर्लभ सब्जी की पहचान कही न कही एमपी तक ही सिमट के रह गई है.

रोजगार का स्त्रोत

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रोजगार का स्त्रोत

इस सब्जी के उत्पादन से जुड़े लोग बताते है कि कई लोगों ने इसके बीज यहां से ले जाकर दूसरी जगह पर लगाए, लेकिन इसकी साइज इतनी बड़ी नहीं हुई. इसकी साइज और स्वाद नर्मदा की उपजाऊ कछारी मिट्टी में ही यह सब्जी होती है. इस विशेष बैगन की वजह से इस इलाके के सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है.

 

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