Weaknesses of Crocodiles: मध्य प्रदेश राजस्थान और यूपी के कुछ हिस्सों में बहने वाली चंबल नदी में सबसे अधिक मगरमच्छ पाए जाते हैं. चंबल नदी में पाए जाने वाले मगरमच्छ इतने खतरनाक होते हैं कि किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं. लेकिन आज हम आपको मगरमच्छ की ऐसी कमजोरी बताएंगे, जहां टच करते ही वो दूम दबाकर भागेगा.
मध्य प्रदेश से होकर बहने वाली चंबल नदी में सबसे अधिक मगरमच्छ और घड़ियाल पाए जाते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, चंबल नदी में वर्तमान समय में दो हजार 108 घड़ियालों के साथ 878 मगरमच्छ और 96 डॉल्फिन समेत अन्य जलीय जीव हैं.
इस नदी में घड़ियाल मगरमच्छ जैसे खूंखार जलीय जीव होने के कारण इसके आसपास रहने वाले लोग चंबल नदी के किनारे जाने से बचते हैं.
बड़ी-बड़ी डरावनी आंखें, तलवार की तरह नुकीले दांतों वाला यह मगरमच्छ दुनिया के सबसे खतरनाक जलीय जीव है. यह नदी किनारे जानवर से लेकर इंसान तक किसी को भी अपना शिकार बना सकता है.
चंबल में पाए जाने वाले मगरमच्छ इतने खूंखार होते हैं कि वे जानवर से लेकर इंसान तक किसी को भी पानी में पटककर मौत के घाट उतार सकता है. यही वजह है कि लोग इस नदी के किनारे जाने से बचते हैं.
मगरमच्छ जिसे अपना शिकार बना ले उसे बचना बहुत मुश्किल होता है. मगरमच्छ एक बार नहीं कई बार अपने शिकार को उठाकर पानी पर पटकता है.लेकिन क्या आपको पता है इस विशालकाय खूंखार जानवरी की कमरोजी, जिसे छूते ही वो दूम दबाकर भाग जाएगा.
जी हां खुदा न ख्वास्ता अगर मगरमच्छ किसी को अपना शिकार बना ले, तो वो बच भी सकता है. क्योंकि मगरमच्छ की एक कमजोरी भी होती है. उसके जबड़े खोलने वाली मांसपेशियां इतनी कमजोर होती हैं कि आप थोड़ी हिम्मत दिखाएं तो उसे बंद करके रखे रह सकते हैं. इसके अलावा उसके आंख पर भी हमला करके बचा जा सकता है. हालांकि आप कभी भी ऐसी गलती ना करें ताकि मगरमच्छ आपका शिकार बनाए.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मगरमच्छ के जबड़े खोलने वाली मांसपेशी बहुत कमजोर होती है. यह मांसपेशी न केवल कमजोर होती है, बल्कि आकार में भी बहुत छोटी होती है. हालांकि, मगरमच्छ के जबड़े बंद करने वाली मांसपेशी बेहद ताकतवर होती है. इसके अलावा, मगरमच्छ की आंख को भी उसके शरीर का कमजोर हिस्सा माना जाता है.
चंबल नदी का गहरा पानी, घने जंगल और रेतीले तट मगरमच्छों के रहने के लिए एक खास वातावरण प्रदान करते हैं. साथ ही चंबल नदी का क्षेत्र अपेक्षाकृत कम विकसित है, जिसके कारण यहां इंसानी हस्तक्षेप कम ही होता है और मगरमच्छों को यहां शांति से रहने का मौका मिलता है. यही वजह है कि सरकार चंबल नदी में मगरमच्छों को संरक्षित कर रही है.
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