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MP GK: मध्य प्रदेश का राजकीय पेड़ कौन सा है?, क्या आपने सुना है Ficus benghalensis का नाम

State Tree of MP GK: धरती पर पेड़ों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कुछ पेड़ ऐसे होते हैं, जो अपने खास गुणों की वजह से दिल में जगह बना लेते हैं. ऐसा ही एक पेड़ बरगद का है. यह न सिर्फ तेज धूप में ठंडी छांव देता है, बल्कि अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है. यही वजह है कि इसे मध्य प्रदेश का राजकीय वृक्ष कहा जाता है. चलिए, जानते हैं कि क्यों बरगद का पेड़ इतना खास माना जाता है.

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बरगद का पेड़ सिर्फ एक पेड़ नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की पहचान है. इसका वैज्ञानिक नाम Ficus benghalensis है. इसे साल 1981 में राजकीय वृक्ष घोषित किया गया था. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसकी जड़ें समय के साथ जमीन से जुड़ती जाती हैं और हर जड़ एक नया तना बनाती है. इस तरह, एक अकेला बरगद का पेड़ छोटे जंगल के जैसा नजर आता है.

 

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गांवों में खासकर गर्मियों में बरगद के नीचे बैठने का अनुभव ही अलग होता है. जब सूरज की गर्मी से हालात बिगड़ जाते हैं, तो बरगद का पेड़ राहत की ठंडी छांव देता है. इसकी घनी छांव और बड़ी-बड़ी तनों वाली शाखाएं प्राकृतिक एसी का काम करती हैं. सर्दी हो या गर्मी, दोनों मौसमों में बरगद के पेड़ के नीचे बैठना बहुत आरामदायक और सुखद अनुभव होता है.

 

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बरगद का पेड़ सिर्फ ठंडक ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों का भी बड़ा महत्व है. इसके जड़, पत्ते और दूध का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. 

 

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आयुर्वेद में बताया गया है कि इसके छाल से रक्तदोष, पत्तों से पेट के रोग और जड़ों से त्वचा रोगों का इलाज होता है. इसके अलावा, बरगद की छांव में बैठने से मानसिक शांति मिलती है, जिससे तनाव और थकान दूर होती है.

 

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पर्यावरण के लिहाज से भी बरगद का पेड़ काफी महत्वपूर्ण है. यह न केवल वायुमंडल को शुद्ध करता है, बल्कि मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को भी बढ़ाता है. इसके विशाल आकार और मजबूत जड़ों के कारण यह आसपास की मिट्टी को कटाव से बचाता है, जिससे जल संकट से निपटने में भी मदद मिलती है.

 

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बरगद का पेड़ गांव से लेकर शहरों तक हर जगह पाया जाता है और हमारे पारंपरिक जीवन का अहम हिस्सा है. मध्य प्रदेश के लोग इसे आदर्श वृक्ष मानते हैं और इसकी छांव में आराम करने का आनंद लेते हैं. इसलिए इस पेड़ को मध्य प्रदेश का राजकीय वृक्ष भी कहा गया है.

 

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