MP GK: मध्य प्रदेश अपनी खूबसूरती के साथ-साथ विरासत के लिए भी पूरी दुनिया में मशहूर है. इस राज्य की एक या दो नहीं बल्कि 10 राजधानियां हैं. जैसे खेल राजधानी, धार्मिक राजधानी आदि. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कौन सी है? अगर नहीं जानते तो आइए जानते हैं.
मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला ऊर्जा राजधानी के नाम से जाना जाता है. भारत की सभी प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं. यहां कोयले और लाल काली मिट्टी की मोटी परतें पाई जाती हैं.
कोयला खनन से लेकर बिजली उत्पादन तक, सब कुछ इसी जिले में होता है. भारत का सबसे बड़ा थर्मल पावर स्टेशन यहीं स्थित है. इस पावर स्टेशन की क्षमता 4,760 मेगावाट बिजली पैदा करने की है.
सिंगरौली जिले को खनिज संसाधनों एवं ताप विद्युत संयंत्रों के कारण इसे 'ऊर्जाांचल' के नाम से भी जाना जाता है. ये जिला प्राकृतिक एवं खनिज संसाधनों से भरपूर घने जंगलों एवं दुर्गम क्षेत्रों से ढका हुआ था.
बता दें कि सिंगरौली में कोयले और बिजली संयंत्रों की प्रचुरता के कारण इसे "ऊर्जा राजधानी" कहा जाता है. भारत की कई प्रमुख ऊर्जा कंपनियां सिंगरौली में ही स्थित हैं.
अब सिंगरौली जिले की बात करें तो सिंगरौली मध्य प्रदेश का 50वां जिला है. 24 मई 2008 को नया जिला बनने से पहले यह सीधी जिले का हिस्सा हुआ करता था. इसकी सीमा यूपी के सोनभद्र जिले से लगती है.
ऐतिहासिक दृष्टि से सिंगरौली कभी रीवा रियासत का हिस्सा था. यह क्षेत्र कभी ऋषि श्रृंगी की तपस्थली थी, इसलिए प्राचीन काल में सिंगरौली को श्रृंगावली के नाम से जाना जाता था.
इसके अलाव भोपाल को मध्य प्रदेश की 'प्रशासनिक राजधानी', जबलपुर को न्यायधानी, बालाघाट को मध्य प्रदेश का 'मैंगनीज कैपिटल' और उज्जैन को मध्य प्रदेश की 'धार्मिक राजधानी' कहा जाता है.
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