MP Gwalior Fort: भारत की दिल कहे जाने वाला मध्य प्रदेश अपने कई किलों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. अटेर का किला हो या फिर रायसेन का किला..ये सभी आज मध्य प्रदेश की शान कहलाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं एमपी का ग्वालियर किला पूरे भारत के सबसे बड़े किलों में शामिल है? इतना ही नहीं, एमपी का ग्वालियर किला भारत के तीसरे सबसे बड़े किलों में भी शुमार है.
एमपी के ग्वालियर में स्थित ग्वालियर किला ना सिर्फ आज मध्य प्रदेश की शान है बल्कि उन लोगों के लिए भी एक दर्शनीय स्थल है जिन्हें अतुल्य भारत और भारत के अनमोल खजानों के बारे में जानने में रूची है.
ग्वालियर किला ना सिर्फ भारत के तीसरे सबसे बड़े किलों में शामिल है बल्कि इस किले का इतिहास और वास्तुकला इतना प्रभावशाली और रोचक है कि हर कोई इसे एक टूक देखते ही रह जाता है.
8वीं शताब्दी के दरमीयान बने इस किले में कई राजवंशों ने शासन रहा है जिनमें से तोमर, मुगल, मराठा और सिंधिया प्रमुख शासक रहे हैं. इस किले का आर्किटेक्चर आज भी लोगों को दंग कर देता है कि बिना किसी आधुनिक मशीनों के इतने जटिल नक्काशी को पत्थरों पर उतारा कैसे गया है.
जिन लोगों ने ग्वालियर किले को करीब से नहीं देखा है उन्हें बता दें कि इस किले के भीतर मान मंदिर महल, तेली का मंदिर और गुजरी महल भी शामिल हैं जो आज भी ग्वालियर किले की मान सम्मान बनाए हुए है.
पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस विशाल किले से पूरे ग्वालियर शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है. यहां से ढलते सूरज को देखना आपने आप में ही एक रोमांच पैदा करता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह किला सप्ताह के हर दिन सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है. सैलानियों को दिन के समय इस अद्भुत महल के दर्शन के निर्देश दिए जाते हैं ताकि वे इस महल की अद्भुत नक्काशी को आराम से देख सकें.
ग्वालियर किले के अलावा राजस्थान के जोधपुर में स्थित मेहरानगढ़ किले को भारत का सबसे बड़ा किला माना जाता है जिसके बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा किला दिल्ली के लाल किला को कहा जाता है. हैदराबाद में स्थित गोलकुंडा किला और राजस्थान का जैसलमेर किला भी इस लिस्ट में शामिल है.
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