Shivpuri Village MP: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक ऐसा गांव हैं जो पिछले 8 सालों से वीरान है. गांव में खाने पीने रहने यहां तक की पढ़ने के लिए सरकार की तरफ से हर इंतजाम किए गए हैं, फिर भी इस गांव में आपको एक इंसान तक नहीं दिखेगा. बताया जाता है कि यहां के आदिवासी निवासी कुछ कारणों की वजह से पलायन कर गए हैं. क्या है वो कारण और क्यों है ये गांव वीरान जाने इस खबर में.....
ये कहानी है शिवपुरी जिले के सुरजनपुरा गांव की जो पिछले आठ सालों से वीरान पड़ा है. सरकार की तरफ से सारी सुविधाएं होने के बाद भी इस गांव में आपको एक इंसान नहीं दिखेगा.
पानी, बिजली, स्कूल तक होने के बावजूद भी इन्हें इस्तेमाल करने वाला कोई नहीं है. धीरे-धीरे गांव के ये सभी मकान खंडहर में तब्दील हो रहे हैं.
बताया जाता है कि ये गांव एक पहाड़ पर स्थिति था जहां लगभग 30 से 40 आदिवासी परिवार बिनी किसी परेशानी के हसी-खुशी रहते थे लेकिन कुछ कारणवश सभी ने यहां से पलायन कर लिया है और ये गांव रह गाया है पूरा सुनसान
कुछ लोग बताते हैं कि, पहले यहां रह रहे आदिवासियों को किसी दैवीय प्रकोप की भय था. ये डर उनके मन में इतना बढ़ गया कि उन्होंने दूसरे गांव में कूच करना ही बेहतर समझा.
कहते हैं कि इस गांव में अचानक फैली एक बीमारी से गांव के कई युवाओं की मौत हुई है. इस बीमारी के चलते गांव में एक के बाद एक कर लगातार घरों के चिराग बुझते चले गए. युवाओं के असमय और अचानक मौत से पूरे गांव में डर छा गया था.
गांव में रह रहे आदिवासी ऊपरी दैवीय प्रकोप को युवाओं के मौत का कारण समझने लगे थे और मजबूरन अपने गांव को छोड़कर किसी दूसरे गांव में बस गए हां. बताया जाता है कि ये सभी परिवार अब बूढा डोंगर की आदिवासी बस्ती में निवास कर रहा है.
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