MP Taj Mahal in Burhanpur: दुनिया के सात अजूबों में से एक, ताज महल को प्यार की निशानी के तौर पर देखा जाता है. आगरा स्थित ताज महल को देश-विदेश से सालाना करोड़ों की तादाद में पर्यटक देखने आते हैं. लेकिन क्या आपको ताज महल की असली कहानी पता है? क्या आप यह जानते हैं कि ताज महल आगरा नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में निर्मित होने वाला था? खैर, इसी कमी को पूरा करते हुए बुरहानपुर में भी ताज महल का निर्माण हुआ है. इसका निर्माण जिले के एक बिजनेसमैन ने अपनी पत्नी के लिए कराया है, जो हूबहू ताज महल जैसा दिखता है, लेकिन असल में यह एक लग्जरी मारबल हाउस है, जिसकी अंदर की तस्वीर देख आपकी आंखें चौंधिया जाएंगी.
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इंदौर के पास स्थित है बुरहानपुर जिला, जहां का ताज महल लोगों के लिए आठवां अजूबा बन गया है. दरअसल, यह ताज महल एक लग्जरी मार्बल हाउस है, जिसे बुरहानपुर के एक बिजनेसमैन, आनंद प्रकाश चौकसे ने अपनी पत्नी के लिए बनवाया है. ऐसे में कई लोग आनंद को 21वीं सदी का शाहजहां बुलाते हैं.
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ताज महल जैसा दिखने वाले इस आलीशान मार्बल घर को करीब 2 करोड़ की लागत से बनवाया गया है, जहाँ मकराना मार्बल, मीनार से लेकर गुंबद और अद्भुत कारीगरी पर भी बारीकी से काम किया गया है.
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ताज महल जैसे दिखने वाले इस घर की अंदर की तस्वीर वाकई हैरान करने वाली है. 4BHK वाले इस लग्जरी घर को खड़ा करने से लेकर संवारने तक का काम मुंबई, इंदौर, सूरत, बंगाल और राजस्थान के कारीगरों ने किया है.
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ताज महल का रेप्लिका बने इस घर का साइज़ असली ताज महल के एक तिहाई बताया जाता है. ख़ास बात तो यह है कि इस घर को बनाने में हर छोटी-बड़ी डिटेलिंग पर ध्यान दिया गया है, और शायद इसी खूबी और अलग अंदाज़ की वज़ह से इस घर को इंडियन कंस्ट्रक्टिंग अल्ट्राटेक आउटस्टैंडिंग स्ट्रक्चर ऑफ एमपी का अवॉर्ड भी मिल चुका है
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घर में आपको एक आलीशान हॉल मिलेगा, जहाँ पर मेहमानों के लिए सीटिंग एरिया है. 2 बेडरूम नीचे और 2 बेडरूम ऊपर के साथ एक किचन, एक लाइब्रेरी और एक मेडिटेशन रूम भी शामिल है. घर में प्रवेश करते ही सामने एक भव्य सीढ़ी दिखाई देती है जो ऊपर की ओर जाती है. घर के अंदर का इंटीरियर व्हाइट और गोल्डन थीम पर आधारित है
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इस ताज महल जैसे घर की ख़ासियत यह है कि इसका निर्माण आनंद द्वारा चलाए जा रहे रेजिडेंशियल स्कूल परिसर के अंदर किया गया है. स्कूल में देशभर से करीब 2 हज़ार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं
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ताज महल को लेकर कहा जाता है कि इसका निर्माण बुरहानपुर में ही होना था, लेकिन किसी कारणवश निर्माण आगरा में हुआ. चूँकि शाहजहां की पत्नी मुमताज़ बेगम ने अपनी अंतिम साँस यहीं बुरहानपुर में ही ली थी.
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मुमताज़ बेगम की मृत्यु के बाद उनके शव को करीब 6 महीनों के लिए बुरहानपुर में ही रखा गया था. बुरहानपुर में ताज महल की कमी को पूरा करते हुए आनंद प्रकाश चौकसे ने अपनी पत्नी को अपना प्यार समर्पित करते हुए एमपी में ताज महल का निर्माण किया.
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