Ujjain Mahakal Temple-उज्जैन का महाकाल मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है. महाकालेश्वर मंदिर में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक विराजमान है. महाकाल मंदिर अपनी मनमोहक वास्तुकला के लिए जाना जाता है, यहां प्राचीन भारतीय शिल्प कला देखने को मिलती है. महाकाल मंदिर में भगवान शिव की भस्म आरती सहित कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें शामिल होने के लिए देश विदेश के लाखों भक्त आते हैं. महाकाल मंदिर ने इस साल कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं.
महाकाल मंदिर में साल दर साल भक्तों का सैलाब बढ़ने लगा है. महाकाल लोक बनने के बाद मंदिर में दर्शन के लिए रोजाना डेढ़ से दो लाख भक्त पहुंच रहे हैं. पिछले सालों में यह संख्या 40 से 50 हजार होती थी.
मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ ही यहां मिलने वाले दान में बढ़ोतरी हुई है. पिछले 4 सालों में यह दान चार गुना बढ़ गया है. साल 2019-20 में मंदिर को लगभग 15 करोड़ रुपए का दान मिला था, जो अब काफी ज्यादा हो गया है.
साल 2023-24 में यह बढ़कर 59.91 करोड़ हुआ. वहीं साल 2024-25 में अब तक 51.22 करोड़ रुपए का दान आ चुका है. यह राशि सिर्फ दान पेटियों में डाले गए दान की है. अगर अन्य कमाई को मिलाया जाए तो यह राशि एक अरब रुपए से भी ज्यादा है.
महाकाल लोक बनने के बाद धार्मिक पर्यटन में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु मंदिर में खुलकर दान कर रहे हैं. यहां आने वाले भक्त महाकाल को सोने-चांदी के आभूषण भी दान करते हैं.
हर साल बाबा महाकाल के भक्त सोने-चांदी के कई आभूषण चढ़ावे में चढ़ाते हैं. हाल ही में एक भक्त ने महाकाल को 5 किलो चांदी का दान किया था. साथ ही कई भक्त मुकुल, कुंडल और मुंडों की माला भेंट करते हैं.
महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हुई है. जहां साल 2023 में 5.3 करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आए थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7.4 करोड़ हो गया है. एक साल में चालीस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बीते दो सालों में करीब 12.32 करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हैं.
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