Unani Bath Therapy Centre: बहुद जल्द देश में आधुनिक यूनानी हम्मान बनने जा रही है. भारत का पहला यूनानी हम्माम की सौगात मध्य प्रदेश को मिलेगा. इस हम्माम में मोटापा, त्वचा रोग, मधुमेह समेत अन्य रोगों का उपचार होगा. इस परियोजना में करीब 3 करोड़ रुपये की खर्च आ रही है. जिसका डीपीआर (डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर आयुष विभाग को भेज दिया गया है.
दरअसल, हम्माम एक यूनानी अरबी शब्द है. जिसका मतलब गर्म स्नानघर होता है. हम्माम एक यूनानी चिकित्सा पद्धति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. इसका उपयोग मोटापा, त्वचा रोग, मधुमेह और अन्य रोगों के प्राकृतिक उपचार में किया जाता है.
राजधानी भोपाल के कलियासोत की पहाड़ी र स्थित हकीम सैयद जियाउल हसन शासकीय यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय के परिसर में देश का पहला आधुनिक यूनानी हम्माम प्रस्तावित है.
एमपी सरकार द्वारा देश का पहला आधुनिक यूनानी हम्माम (यूनानी बाथ थैरेपी सेंटर) बनाया जाएगा. इसके लिए आयुष विभाग को 3 करोड़ रुपये का डीपीआर बनाकर भेज दिया गया है. आगामी वित्त समिति की बैठक में इस एजेंडे को शामिल किया गया है.
चिकित्सक विशेषज्ञों द्वारा नवाबी दौर के हम्मामों पर रिसर्च कर इसका मॉडल तैयार किया गया है. यूनानी बाथ थैरेपी सेंटर, यानी हम्माम में तीन अलग-अलग कमरे रहेंगे. इसमें भट्ठी युक्त स्नानगृह और उपचारात्मक कक्ष शामिल होंगे.
पहले कमरे का : 36.5 डिग्री तापमान, दूसरे कमरे का : 42 से 45 डिग्री तापमान, तीसरे कमरे का : 50 डिग्री तापमान होगा. हर कमरे में 10 से 15 मिनट तक रहने की सलाह दी जाएगी. इन तीनों चरणों को पूरी करने के लिए मरीज को बारी-बारी से रखा जाएगा. ताकि शरीर के मांपेशियों के भीतर गर्मी प्रवेश करे. जिससे जोड़ों के दर्द, त्वजा रोग और मोटापे जैसी समस्याओं का इलाज हो पाएगा.
आयुष विभाग के मुताबिक, यह आधुनिक हम्माम ना सिर्फ पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देगी, बल्कि इससे एमपी को मेडिकल टूरिज्म में भी नई पहचान मिलेगी. इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में करीब 6 मीहने का समय लगेगा.
यह देश का पहला ऐसा हम्माम होगा. जो आधुनिक तकनीक से लैस होगा. इसमें तापमान नियंत्रण, भाप की व्यवस्था, स्नान व्यवस्था और चिकित्सकीय निगरानी की सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी. बताते चले कि हम्माम की अवधारणा नवाबी जवानें में काफी लोकप्रिय थी. जिसे अब तकनीकी और वैज्ञानिक स्वरूप के साथ विकसित किया जा रहा है. यह देश का पहला ऐसा हम्माम होगा, जहां सरकारी स्तर पर काम होगा.
सोर्स- नई दुनिया (नोट- यहां उपयोग में ली गईं सभी तस्वीरें काल्पनिक हैं. जो Meta AI द्वारा जनरेटेड हैं. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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