Unique Traditions of Madhya Pradesh-देश के दिल मध्यप्रदेश में भारत की सबसे ज्यादा आदिवासी आबादी रहता है. अजब-गजब मध्यप्रदेश विविधताओं का पिटारा है. मध्यप्रदेश की धरती पर प्रकृति के करीब रहने वाली कई जनजातियां हैं, जिनकी कई परंपराएं सदियों से चली आ रही हैं. ऐसी ही एक परंपरा उधारिया विवाह है, जिसमें महिला को दूसरी शादी के लिए इजाजत दी जाती है.
Unique Traditions of MP-मध्यप्रदेश के कई आदिवासी जनजातियों में उधारिया विवाह काफी प्रचलित है. यह एक तरह की शादी है, जिसमें महिला अपने पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष से विवाह कर सकती है. सिर्फ एक लौटा गर्म पानी से महिला को पवित्र किया जाता है.
बैगा समुदाय में अगर कोई युवती दूसरी शादी करना चाहे तो उसे तलाक के लिए कोर्ट नहीं जाना पड़ता है. समाज की एक प्रचलित परंपरा के अनुसार एक लौटा गर्म पानी से ही उसका तलाक हो जाता है. इसके बाद रीति-रिवाज के साथ उसकी शादी करा दी जाती है.
इस परंपरा के तहत महिला पति को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष के घर में घुस जाती है. इसके बाद गांव के कुछ पंच इकट्ठा होते है. जिसके बाद महिला को होने वाला देवर उसके शरीर पर एक लौटा गर्म पानी डालता है, इससे वो पवित्र हो जाती है.
बैगा समुदाय में प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, जिस युवक की पत्नी किसी दूसरे के पास चली जाती वह जुर्माना वसूल सकता है. बैगा आदिवासियों में इसे दावा कहा जाता है. इस दावे के लिए पहला पति पंचायत में जाता है.
दावा में 200 रुपए नकद और गाय-बैल भी शामिल होते हैं. इसका फैसला मुकद्दम यानि न्याय करने वाला आदमी करता है. दावा चुकाने के बाद दोनों पक्षों में मिलौकी होती है.
पंचायत सुनवाई के बाद युवक के घर सामने कच्चा धागा बांधकर दोनों के सामने तोड़ते हैं, इसे रिश्ता टूटने का प्रतीक मानते है. इसके बाद दोनों पक्ष के लोग मिलकर पूरे समुदाय को भोजन कराते हैं. जिसके बाद महिला का पूर्व पति अपने घर चला जाता है.
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