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Zee Madhya Pradesh ChhattisgarhPhotosये है मध्य प्रदेश का सबसे पढ़ा-लिखा गांव, बच्चें, बुजुर्ग और महिलाएं सब होनहार; साक्षरता 100% और ड्रॉपआउट रेट भी 0
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ये है मध्य प्रदेश का सबसे पढ़ा-लिखा गांव, बच्चें, बुजुर्ग और महिलाएं सब होनहार; साक्षरता 100% और ड्रॉपआउट रेट भी 0

Most litterate village of MP: क्या आपको पता है कि मध्य प्रदेश का सबसे शिक्षित गांव कौन सा है? अब आप सोचेंगे कि गांव और शिक्षा का क्या संबंध है! लेकिन जिस गांव के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं, वह न सिर्फ शहरों के आधुनिकीकरण को मात देता है बल्कि कई ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उदाहरण भी पेश करता है. नरसिंहपुर से 15 किमी की दूरी पर स्थित बघवार में साक्षरता दर 100 प्रतिशत है. यहां ड्रॉपआउट रेट 0 है. यकीन नहीं हुआ न, लेकिन यह सत्य है. इस गांव ने सरकार की मुख्य योजनाओं से पहले ही इतना कुछ हासिल कर लिया है कि यहां आने के बाद आप गांव और शहर में भेद नहीं कर पाएंगे.

 

मध्य प्रदेश का सबसे पढ़ा-लिखा गांव कौन सा है

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मध्य प्रदेश का सबसे पढ़ा-लिखा गांव कौन सा है

नरसिंहपुर से 15 किमी की दूरी पर स्थित बघवार गांव आज मध्य प्रदेश का सबसे शिक्षित गांव कहलाता है. यहां साक्षरता दर 100% है, यानी गांव की महिलाएं, बुजुर्ग, युवा और बच्चे—हर आयु वर्ग के लोग पढ़े लिखे हैं.

मध्य प्रदेश में किस गांव की साक्षरता दर 100 प्रतिशत है

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मध्य प्रदेश में किस गांव की साक्षरता दर 100 प्रतिशत है

100% साक्षरता दर होने के कारण बघवार गांव के स्कूल में ड्रॉपआउट दर 0% है. इस बड़ी उपलब्धि को हासिल करने के पीछे ग्रामीणों का सिद्धांत है जो उन्हें निरंतर शिक्षा प्रोत्साहन की दिशा में आगे बढ़ते रहने के लिए तैयार रखता है.

बघवार गांव में शिक्षा को लेकर सिद्धांत

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बघवार गांव में शिक्षा को लेकर सिद्धांत

गांव में 'हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार' सिद्धांत का कड़ाई से पालन होता है. इसके लिए ग्रामीणों ने सरकार पर निर्भर न रहते हुए अपने पैसों को एकत्रित कर स्कूल भवन का निर्माण किया है. इन स्कूलों को इस ढंग से अपग्रेड किया गया है कि छात्र न सिर्फ थ्योरी लर्निंग सीख पाते हैं, बल्कि प्रैक्टिकल लर्निंग पर फोकस कर अपने दिमाग को और भी ज्यादा तेज़ बना पाते हैं.

 

मिड डे मील की सुविधा भी

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मिड डे मील की सुविधा भी

ग्रामीणों द्वारा बनाए गए इस स्कूल में अन्य सरकारी स्कूलों की तरह मिड डे मील भी परोसा जाता है. पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे के पौष्टिक आहार पर भी ध्यान दिया जाता है.

 

100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने के लिए प्रयास

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100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने के लिए प्रयास

गांव का 100 प्रतिशत साक्षरता दर होने का एक कारण यह भी है कि यहां छात्र स्कूल जाने को बोझ नहीं बल्कि खुद में होता हुआ विकास देखते हैं. स्कूल निर्माण के साथ-साथ ग्रामीणों ने धामनी नदी के पास एक मिनी स्पोर्ट्स स्टेडियम, एक इनडोर हॉल और एक स्विमिंग टैंक भी बनवाया है. और तो और गांव की दिवारों पर भी शिक्षा संबंधी चित्रकारी की गई है. 

बघवार गांव

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बघवार गांव

ग्रामीणों के इन प्रयासों से आज यही बच्चे बड़े-बड़े शहरों में स्थित निजी फर्मों में ऊंचे पद पर कार्य कर रहे हैं. एक गांव होने के बावजूद बघवार में विकास की जो तस्वीर दिखाई देती है, वह कई शहरों के लिए मिसाल है.

 

स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा के हर पड़ाव पर सफलता

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स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा के हर पड़ाव पर सफलता

बघवार गांव की बात जो हमने आपको बताई, वह सिर्फ यहां का एक पहलू है. इस गांव की ऐसी कई अनगिनत बातें हैं जो यहां के लोगों को गर्वान्वित महसूस कराती हैं. स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा के हर पड़ाव पर बघवार गांव ने सफलता हासिल कर ली है. मीडिया में आपको इस गांव के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं चलेगा क्योंकि यहां के लोग दिखावेबाजी और शोरगुल से ज्यादा अपने काम करने पर भरोसा रखते हैं.