याचिका में आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी संपत्ति को बेचना चाह रही है.
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दुर्गेश साहू/जबलपुरः मध्य प्रदेश में सरकारी संपत्तियों को बेचने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. बता दें कि सरकार के सरकारी संपत्ति बेचने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जिसके लिए कोर्ट ने सरकार को 3 हफ्तों का समय दिया गया है.
क्या कहा गया है याचिका में
बता दें कि यह जनहित याचिका जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मनीष शर्मा ने दायर की है. इस याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश सरकार ने 26 सितंबर 2020 को नियमों में संशोधन कर प्रदेश की सरकारी संपत्ति को बेचने का फैसला कर लिया है. इसके लिए बाकायदा प्रदेश के 20 जिलों की करीब 32 सरकारी संपत्तियों को बेचने के लिए निविदा भी आमंत्रित कर ली गई हैं.
याचिका में बताया गया है कि कुछ संपत्तियों को बेचा भी जा चुका है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी संपत्ति को बेचना चाह रही है. याचिका में सुझाव दिया गया है कि राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकारी संपत्तियों को बेचने की बजाय उन्हें किराए, लीज या फिर पीपीपी मॉडल पर भी दिया जा सकता है, जिससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा और प्रदेश की सरकारी संपत्ति को भी बचाया जा सकेगा.
इस मामले में सरकार को पूर्व में भी नोटिस जारी किया गया था लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब पेश नहीं किया गया और सरकार ने अदालत में जवाब पेश करने का समय मांगा. जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए 3 हफ्तों का समय दिया है.