PM मोदी की 100 लाख करोड़ की गतिशक्ति योजना में MP की होगी अहम भूमिका! जानिए कैसे?
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PM मोदी की 100 लाख करोड़ की गतिशक्ति योजना में MP की होगी अहम भूमिका! जानिए कैसे?

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट (Solar Plant) बनाया गया है. इस सोलर प्लांट से रोजाना 750 मेगावाट बिजली बनाई जा रही है.

सीएम शिवराज सिंह की सरकार सौर ऊर्जा की दिशा में काफी काम कर रही है.

नई दिल्लीः बीते बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने 100 लाख करोड़ रुपए के गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान (Gati Shakti National Master Plan) की शुरुआत की. देश के विकास के लिए इस योजना को बेहद अहम माना जा रहा है. बता दें कि इस गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान (Gati Shakti Scheme) में सरकार की योजना है कि साल 2024-25 तक सौर ऊर्जा (Solar Energy) उत्पादन को 87.7 गीगावाट से बढ़ाकर 225 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की अहम भूमिका रहने वाली है. 

जानिए क्यों है MP अहम?
देश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एमपी सरकार (MP Government) काफी काम कर रही है. बता दें कि बीते 9 सालों में एमपी में सौर ऊर्जा उत्पादन 10 गुना बढ़ चुका है. खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ये बात कही है. एमपी में साल 2012 में सौर ऊर्जा उत्पादन 491 मेगावाट था, जो कि 2021 में बढ़कर 5042 मेगावाट तक पहुंच गया है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मध्य प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है. 

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के रीवा में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट (Rewa Solar Plant) बनाया गया है. इस सोलर प्लांट से रोजाना 750 मेगावाट बिजली बनाई जा रही है. जिसकी सप्लाई प्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों के अलावा दिल्ली मेट्रो को भी की जाती है. इसके अलावा ओमकारेश्वर में नर्मदा नदी पर भी तैरता हुआ सोलर प्लांट (Floating Solar Plant) बनाया जा रहा है. इसकी उत्पादन क्षमता 600 मेगावाट तक होगी. वर्ल्ड बैंक ने इस प्रोजेक्ट के लिए सर्वे भी कर लिया है. इस प्रोजेक्ट की लागत 3000 करोड़ रुपए तक हो सकती है. 

इनके अलावा एमपी के नीमच, शाजापुर, आगर, मुरैना, छतरपुर और सागर जिलों में भी सोलर पार्क विकसित किए जा रहे हैं. इन सोलर पार्क से कुल 4500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और इन सोलर पार्क के निर्माण पर करीब 18 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा. 

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश रोडमैप के मुताबिक साल 2023 तक राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के किसानों को 45 हजार सोलर पंप रियायती दामों पर उपलब्ध कराने का है. इस साल फरवरी तक प्रदेश के किसानों को 22,673 सोलर पंप (Solar Pump) लगाकर दिए जा चुके हैं. 

मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2022 तक सौर ऊर्जा उत्पादन की क्षमता 10 हजार मेगावाट ले जाने का लक्ष्य रखा था. हालांकि कोरोना महामारी के चलते इस लक्ष्य की प्राप्ति में कुछ देरी हो सकती है. हालांकि मध्य प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा उत्पादन में शानदार काम कर रही है.  

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