कूनो में चीतों के साथ आधी आबादी को भी साध गए PM मोदी! ग्वालियर चंबल की 34 सीटों पर नजर
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कूनो में चीतों के साथ आधी आबादी को भी साध गए PM मोदी! ग्वालियर चंबल की 34 सीटों पर नजर

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हालिया श्योपुर दौरे पर प्रदेश की आधी आबादी को साधने की कोशिश करते दिखे. दरअसल पीएम मोदी का भाषण महिलाओं के योगदान के इर्द-गिर्द रहा. यही वजह है कि पीएम मोदी के भाषण के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. 

कूनो में चीतों के साथ आधी आबादी को भी साध गए PM मोदी! ग्वालियर चंबल की 34 सीटों पर नजर

नितिन गौतमः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते शनिवार को मध्य प्रदेश के श्योपुर दौरे पर आए थे. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से आए 8 चीतों को जंगल में छोड़ा. इसके बाद पीएम मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान पीएम मोदी के दिए भाषण के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में आधी आबादी यानि कि महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश की. दरअसल माना जा रहा है कि बीजेपी ग्वालियर चंबल संभाग की 34 विधानसभा सीटों पर फिर से अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रही है. 

मां का जिक्र कर मांगा आशीर्वाद
पीएम मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन के मौके पर श्योपुर में थे. अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज मुझे अपनी मां के पास होना था, वो मुझे प्यार और आशीर्वाद देतीं लेकिन वो ये देखकर खुश हो रही होंगी कि मुझे पूरे मध्य प्रदेश की लाखों मां, बहनों और बेटियों का आशीर्वाद मिल रहा है. पीएम ने देश की माता-बहनों को अपना सबसे बड़ा रक्षा कवच भी बताया. पीएम मोदी की इस बात पर पूरी जनसभा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी. 

महिलाओं को योगदान को किया याद
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि पूरे देश में चीते मध्य प्रदेश में ही क्यों आ रहे हैं, क्योंकि हमारा आप पर भरोसा है. इसीलिए 8 चीतों की जिम्मेदारी आपको सुपुर्द करने आया हूं. इस तरह पीएम मोदी ने जनता के साथ भावनात्मक रिश्ता बनाने की कोशिश की. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारी शक्ति का परचम लहरा रहा है. श्योपुर में भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी एक महिला चुनी गई हैं. प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि एमपी के पंचायत चुनाव में 17 हजार महिलाएं जनप्रतिनिधि के तौर पर चुनी गई हैं. ये बड़े बदलाव का संकेत है. पीएम बातों-बातों में आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने की बात भी लोगों को याद दिला गए.

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प्रधानमंत्री ने देश की आजादी में भी महिलाओं के योगदान को याद किया. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तिरंगों का निर्माण हो या फिर कोरोना महामारी के दौरान मास्क बनाने, पीपीई किट बनाने का काम किया. अपने भाषण में पीएम मोदी ने उनकी सरकार द्वारा महिलाओं को ध्यान में रखकर चलाई जा रहीं सरकारी योजनाओं जैसे उज्जवला योजना, शौचालय निर्माण, मध्य प्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना का भी जिक्र किया. इस तरह पीएम मोदी का भाषण महिलाओं के योगदान के इर्द-गिर्द रहा. 

महिलाओं ने की पीएम मोदी की तारीफ
पीएम मोदी के भाषण के बाद जनसभा में आईं कई महिलाएं भावुक और खुश दिखाई दीं. महिलाओं का कहना था कि मोदी जी ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है और वह हमारी चिंता करते हैं. अब पीएम मोदी के भाषण के राजनीतिक समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है. दरअसल ग्वालियर चंबल संभाग में विधानसभा की 34 सीटें हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल संभाग की 34 सीटों में से 26 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 

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माना गया कि एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद दर्ज हुए मामलों को लेकर लोगों में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी थी. जिसके चलते 2018 के चुनाव में बीजेपी को ग्वालियर चंबल संभाग में नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि इस संभाग में दलितों की संख्या अच्छी खासी तादाद में है. कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम मोदी के दौरे ने उस नाराजगी को कुछ कम कर दिया है. 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है. 

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