प्रधानमंत्री की सुरक्षा (PM Security) की जिम्मेदारी एसपीजी (Special Protection Group) के जिम्मे होती है लेकिन इसमें केंद्रीय एजेंसियां, राज्य की पुलिस भी शामिल होती है.
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नई दिल्लीः बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की रैली होनी थी लेकिन प्रधानमंत्री की सुरक्षा (PM Security) में चूक के चलते यह रैली स्थगित करनी पड़ी. फिरोजपुर की घटना पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी चिंता जाहिर की है और इसे पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. बता दें कि फिरोजपुर की इस घटना को बेहद गंभीर माना जा रहा है और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जो इंतजाम किए जाते हैं, उन्हें देखते हुए भी इस चूक को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
कितनी बड़ी चूक है ये घटना?
प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी (Special Protection Group) के जिम्मे होती है लेकिन इसमें केंद्रीय एजेंसियां, राज्य की पुलिस भी शामिल होती है. खासकर राज्य की पुलिस का इसमें अहम रोल होता है क्योंकि पीएम के सभा स्थल की सुरक्षा, भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पुलिस पर ही होती है. पीएम की किसी भी यात्रा से पहले पूरी गाइडलाइंस बनाई जाती हैं. इस गाइडलाइंस के अनुसार ही सुरक्षा के इंतजाम किए जाते हैं.
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प्रधानमंत्री हवाई मार्ग से या फिर सड़क मार्ग से आएंगे तो उस दौरान भी सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जाता है. खूफिया एजेंसियां भी अपना इनपुट देती हैं लेकिन पीएम के मार्ग की सुरक्षा खासतौर पर राज्य पुलिस के कंधों पर होती है. पीएम किस रास्ते से गुजरेंगे और कैसे सभा स्थल तक पहुंचेंगे, इसमें पुलिस की अहम भूमिका होती है. रास्ते को क्लीयर रखना और रास्ते की सुरक्षा के लिए पुलिस जवानों को तैनात रखने का काम पुलिस का होता है.
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खास बात ये है कि पीएम के काफिले के मार्ग के बारे में गिने-चुने शीर्ष अधिकारियों को ही पता होता है. यही वजह है कि जिस तरह से फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों ने पीएम के काफिले के मार्ग को ब्लॉक किया और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए खास प्रयास नहीं किए गए, उसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. प्रदर्शन के चलते पीएम का काफिला एक फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसा रहा, उसे उनकी सुरक्षा में गंभीर चूक माना जा रहा है क्योंकि प्रोटोकॉल के तहत ऐसा नहीं होना चाहिए था.