प्रहलाद पटेल बोले- कमलनाथ के खिलाफ छिंदवाड़ा से फिर से लड़ना चाहता था चुनाव, पार्टी ने नहीं दिया टिकट
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प्रहलाद पटेल बोले- कमलनाथ के खिलाफ छिंदवाड़ा से फिर से लड़ना चाहता था चुनाव, पार्टी ने नहीं दिया टिकट

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद वर्तमान में दमोह लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद है, लेकिन 2004 का लोकसभा चुनाव उन्होंने छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ के खिलाफ लड़ा था. 

प्रहलाद सिंह पटेल, केंद्रीय मंत्री

छिंदवाड़ाः मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट देशभर में कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ मानी जाती है. यहां से कांग्रेस लगातार चुनाव जीतती रही है. 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी कांग्रेस छिंदवाड़ा सीट जीतने में भी कामयाब रही थी. कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ इस सीट से लगातार कई बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं, जबकि अब उनके बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद है. लेकिन मोदी सरकार के एक मंत्री ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह कमलनाथ के खिलाफ दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन पार्टी ने उन्हें यहां से दोबारा टिकट नहीं दिया. 

मामला केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल से जुड़ा हुआ है. छिंदवाड़ा पहुंचे प्रहलाद पटेल से जब पूछा गया कि आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी क्या तैयारियां हैं, तो उन्होंने कहा कि वह कही से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. वह तो छिंदवाड़ा से ही एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन दूसरी बार पार्टी ने उन्हें यहां से टिकट नहीं दिया. 

2004 में प्रहलाद पटेल और कमलनाथ में हो चुका मुकाबला 
दरअसल, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद वर्तमान में दमोह लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद है, लेकिन 2004 का लोकसभा चुनाव उन्होंने छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ के खिलाफ लड़ा था. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. छिंदवाड़ा बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वे एक बार फिर से छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव के लिए सीट तलाश रहे हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मेरी तो हमेशा से मंशा थी कि मैं छिंदवाड़ा से ही लोकसभा का चुनाव लड़े ,लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उसके लिए वे क्या कर सकते हैं. 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे प्रदेश में कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं मुझे चुनाव लड़ने के लिए सुरक्षित जगह तलाशने की जरूरत नहीं होती. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी उन्हें जहां से लड़ने को कहती है वे वहीं से चुनाव लड़ लेते हैं, जबकि दूसरे नेताओं के लिए वार्ड तक बदलना मुश्किल होता है.

कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है छिंदवाड़ा लोकसभा सीट 
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को कांग्रेस का अभेद किला माना जाता है, जिसे भेदने की बीजेपी भरसक कोशिश करती है. आज़ादी के बाद से अब तक केवल एक ही बार बीजेपी यहां कमल खिलाने में कामयाब हो सकी है, वो भी उपचुनाव के दौरान. इस सीट पर हमेशा से कांग्रेस का कब्जा रहा है. 1997 के उपचुनाव को छोड़ दिया जाए तो एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ यहां 1980 से 2014 तक यहां से लगातार लोकसभा चुनाव कांग्रेस की तरफ से जीतते रहे हैं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने यह सीट जीती थी. लेकिन 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कमलनाथ के मुकाबले प्रहलाद पटेल को मैदान में उतारा था. जहां प्रहलाद पटेल ने कमलनाथ के जीत के अंतर को बहुत कम किया था. लेकिन फिर पार्टी ने उन्हें दोबारा यहां से मौका नहीं दिया. 

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