Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati Statement: एमपी के मुरैना पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हिंदू राष्ट्र और गौ माता की दुर्दशा को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गौ माता की दुर्दशा का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है.
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Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati Statement: हिंदू धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया गया है और उनकी पूजा की जाती है. लेकिन गौ माता की दुर्दशा कम होने का नाम नहीं ले रही है. गाय पालने वाले लगातार लापरवाही कर रहे हैं. गायों को लावारिस छोड़ रहे हैं. गौमाता की दुर्दशा से दुखी जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गौ माता की दुर्दशा का जिम्मेदार सरकार को ठहराया है. वहीं, उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषि करने वाले सवाल को पर भी बड़ा बयान दिया है.
दरअसल, जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती मध्य प्रदेश के मुरैना पहुंचे हुए हैं. यहां उन्होंने भारत देश में गौ माता की दुर्दशा के सवाल पर जी मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत देश में गौ माता की दुर्दशा के लिए यहां की सरकार जिम्मेदार है. जिम्मेदारी तो सरकारों ने ली और कहा हमको वोट दो हम स्वर्ग बना देंगे. इसलिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार तो सरकार है. लंबे समय से आप सत्ता में हैं उसके बाद भी दुर्दशा हो रही है तो इसके लिए आप ही जिम्मेदार हैं.
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि गाय को गोमाता कहा जाता है, उसे सरकारों ने पशु की सूची में रख दिया. यह गलती तो सरकारों की है. आप कहते हैं हम हिंदू पार्टी हैं और हिंदू सरकार हैं. लेकिन लंबे समय से आप सत्ता में हैं. आप यह भी नहीं कर पा रहे.
बांग्लादेश को लेकर कही ये बात
वहीं, बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा के सबाल पर उन्होंने कहा कि यहां दुर्दशा तो होगी ही बांग्लादेश के लोगों को पता चल गया कि उनके पीछे कोई नहीं है. बांग्लादेश कभी हमारा परिवार रहा है और यह हमारे ही लोग हैं, जो बांग्लादेश की अंतरिम सरकार है उसकी इतनी हिम्मत नहीं होती. लेकिन यहां की सरकार कुछ बोल ही नहीं रही, यहां की सरकार गांव-गांव रैलियां निकाल रही है. उनको इस बात की चिंता ही नहीं.
हिंदू राष्ट्र का मतलब क्या है?
भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का मतलब क्या है? इससे क्या बदलाव आएगा यह सिर्फ नामकरण ही तो है. अगर किसी अंधे का नाम नैनसुख रख दें तो उससे क्या मतलब होगा? क्या उसको दिखने लगेगा, इससे क्या फर्क पड़ेगा, जहां यमुना गंगा बांधी जा रही हैं. वह हिंदू राष्ट्र बनेगा, यहां प्रसाद में चर्बी बाटी जा रही है. क्या यह हिंदू राष्ट्र बनेगा, ऐसे कटाक्ष करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि पहले तो यहां के मंदिरों को हिंदू धर्माचार्यो के हवाले किया जाए, ताकि वह हिंदू धर्म के अनुसार पूजा पाठ कर सकें.
रिपोर्ट- करतार सिंह राजपूत, मुरैना
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