Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में डायरिया के बाद स्वाइन फ्लू ने दहशत फैला दी है. जिले में स्वाइन फ्लू के 11 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि डायरिया से 6 मौतें पहले ही हो चुकी हैं. स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को सर्दी-खांसी के लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से मिलने की सलाह दी है.
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MP News: मध्यप्रदेश के जबलपुर अस्पताल से फ्लू के चौंकाने वाले आंकडे़ सामने आये हैं. एक ओर एमपी के लोग बारिश की समस्या से झूझ रहे हैं तो दूसरी ओर बारिश में होने वाली खतरनाक बिमारियों का खौफ भी अब सताने लगा है. कई जिलों में डायरिया के बाद संस्कारधानी जबलपुर जिले से स्वाइन फ्लू के मामलो ने जोर पकड़ लिया है. बारिश में गंदे पानी से फैलने वाली इन बिमारीयों ने सब जगह दहशत पैदा कर दी है. पूरे जिले में स्वाइन फ्लू के 11 मरीज पॉजिटिव आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए 24 सैंपल भेजे, जिसमें से 11 सैंपल स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव निकले हैं.
अब तक जबलपुर जिले में डायरिया से 6 लोगों की मौत हो चुकी है. अस्पताल में मरीजों की संख्या रूकने का नाम ही नहीं ले रही है. राज्य के मंडला, डिंडोरी और जबलपुर जिले में डायरिया के सबसे ज्यादा मरीज मिले. स्वास्थय विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है. इस एडवाइजरी में उन्होंने लोगों को सर्दी, खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर को दिखाने को कहा है. साथ ही डॉक्टरो ने स्वाइन फ्लू के लक्षण होने पर घर में रहने की सलाह दी. ये जानकारी क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ संजय मिश्रा ने दी. लगातार बढ़ रही भीड़ से अस्पताल में बिस्तर की कमी हो गई. जिस कारण अब जमीन पर ही बिस्तर लगाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
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स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू ज्यादातर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों को होता है. इसके लक्षण वैसे तो आम फ्लू जैसे ही होते हैं, लेकिन इसमें कुछ खास लक्षण भी होते हैं. इसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक का बहना, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकावट शामिल है. कुछ मामलों में आपको उल्टी और दस्त भी देखने को मिल सकती है. अगर स्वाइन फ्लू ज्यादा बढ़ जाता है तो अक्सर सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द होने लगता है. यह लक्षण तेजी से बढ़ सकते हैं. इसलिए समय रहते जल्दी इलाज और सही देखभाल जरूरी है.
कुएं का पानी पीने से आदिवासी गांव में डायरिया
खंडवा जिले की खालवा आदिवासी तहसील के गांव बाराकुंड में कुएं का दूषित पानी पीने से आधे गांव में डायरिया फैल गया. इससे उल्टी दस्त होने के बाद एक युवक की मौत हो गई. लगभग दो दर्जन लोग बीमार हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में डेरा डाले हुए हैं. जिला अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने यहां कैंप लगाकर उपचार कर रही है. जांच में यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने ट्यूबवेल से लिंक नल जल योजना का पानी पिया था वह स्वस्थ हैं, जबकि एक वार्ड के लोग जिन्होंने खुले कुएं के पानी का उपयोग किया था उनमें यह शिकायत पाई गई.