प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत पहले चरण में मध्य प्रदेश के 19 जिलों में वनोपज की खरीदी के लिए सरकार 179 खरीदी केंद्र और भंडारण के लिए 47 गोदाम भी बनाए गए हैं.
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प्रमोद शर्मा/भोपालः आदिवासियों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल सरकार ने मध्य प्रदेश में 107 वन-धन केंद्रों की स्थापना की है और 32 लघु वनोपज का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है. जिससे जंगल पर आश्रित जनजातीय लोग इन वनोपज को बेचकर कमाई कर सकेंगे. बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2018 में प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना शुरू की थी. इसी योजना के पहले चरण के तहत उक्त काम किए जाएंगे.
वन धन योजना का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के जीवन स्तर में सुधार और उनका सशक्तिकरण करना है. सरकार इस योजना के तहत देशभर में 30 हजार से ज्यादा विकास केंद्र स्थापित करेगी.
सरकार करेगी ये काम
सरकार लघु-वनोपज का संग्रहण, भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन जैसे कामों के लिए वनवासियों के आर्थिक और कौशल उन्नयन की दिशा में काम कर रही है. इसके लिए सरकार ने जहां 107 वन धन केंद्र क्लस्टर की स्थापना की है. वहीं सरकार ने 32 लघु-वनोपज प्रजातियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है.
प्रधानमंत्री वन धन योजना के तहत पहले चरण में मध्य प्रदेश के 19 जिलों में वनोपज की खरीदी के लिए सरकार 179 खरीदी केंद्र और भंडारण के लिए 47 गोदाम भी बनाए गए हैं. प्रत्येक वन धन कलस्टर में 15 स्व-सहायता समूह होंगे और प्रत्येक स्व-सहायता समूह में 20 हितग्राही शामिल रहेंगे. इन हितग्राहियों द्वारा अपने-अपने क्लस्टर में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध वनोपज, कृषि एवं उद्यानिकी उपज का प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मार्केटिंग जैसे काम किए जाएंगे.