आदिवासियों ने 'पाताल' से खोज निकाली राजकुमारी के प्यार की निशानी, सात समंदर पार से MP पहुंची युवरानी!
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आदिवासियों ने 'पाताल' से खोज निकाली राजकुमारी के प्यार की निशानी, सात समंदर पार से MP पहुंची युवरानी!

mp news: सात समंदर पार यानी यूरोप से एक राजकुमार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आई थी. यहां उनके प्यार की निशानी पातालकोट में गिर गया. जिसके बाद आदिवासियों ने अथक मेहनत कर इसे खोजा. इससे युवरानी खुश हो गई और आदिवासियों को लाखों रुपये इनाम देने लगी. 

आदिवासियों ने 'पाताल' से खोज निकाली राजकुमारी के प्यार की निशानी, सात समंदर पार से MP पहुंची युवरानी!

Chhindwara News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित पातालकोट, अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए देश-दुनिया के पर्यटकों को बरबस ही खींच लेता है. हाल ही में इस मनमोहक घाटी की सुंदरता सात समंदर पार से आई एक खास मेहमान को भी अपनी ओर खींच लाई. यूरोप के चेक गणराज्य की राजकुमारी इटका क्लेट को. राजकुमारी आयुर्वेदिक उपचार के लिए छिंदवाड़ा आई थीं और इलाज के बाद पातालकोट के तामिया हिल स्टेशन के नैसर्गिक सौंदर्य का दीदार करने पहुंचीं. लेकिन, इस खुशनुमा यात्रा के दौरान एक ऐसा वाकया हुआ जिसने राजकुमारी के चेहरे पर क्षण भर के लिए उदासी की लकीरें खींच दीं. हालांकि, पातालकोट के मेहनती और ईमानदार आदिवासियों ने अपनी इंसानियत का परिचय देते हुए राजकुमारी की खोई हुई खुशी को पल भर में वापस लौटा दिया.

पानी में गिर गई बेशकीमती अंगूठी
दरअसल, प्राग के शाही परिवार की राजकुमारी इटका क्लेट अपनी स्पाइन संबंधी समस्या का आयुर्वेदिक इलाज कराने छिंदवाड़ा आई थीं. प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य प्रकाश इंडियन टाटा के सानिध्य में उनका उपचार चल रहा था. स्वास्थ्य लाभ के बाद, राजकुमारी ने पातालकोट के प्राकृतिक वैभव को अपनी आंखों से देखने की इच्छा व्यक्त की. आयुर्वेदाचार्य प्रकाश उन्हें तामिया हिल स्टेशन ले गए, जहां छोटा महादेव के पास स्थित एक झरने की सुंदरता देखकर राजकुमारी मंत्रमुग्ध हो गईं. झरने के शीतल जल में अठखेलियां करते हुए, दुर्भाग्यवश राजकुमारी क्लेट की उंगली से उनकी सगाई की बेशकीमती अंगूठी फिसलकर पानी में गिर गई. यह अंगूठी उनके लिए बेहद sentimental महत्व रखती थी, जिसके चलते राजकुमारी काफी निराश और दुखी हो गईं.

आदिवासियों से लगाई मदद की गुहार
राजकुमारी के साथ मौजूद आयुर्वेदाचार्य और अन्य लोगों ने तुरंत अंगूठी ढूंढने का प्रयास शुरू कर दिया, लेकिन झरने के पत्थरों और रेत के बीच वह छोटी सी अंगूठी कहीं गुम हो गई थी. हार मानकर, डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा ने पातालकोट के स्थानीय आदिवासियों से मदद की गुहार लगाई. आदिवासियों ने राजकुमारी की परेशानी को समझा और अंगूठी ढूंढने का आश्वासन दिया, जिसके बदले उन्होंने मेहनताने की मांग की. फिर क्या था, पातालकोट के मेहनतकश आदिवासियों का दल जुट गया. उन्होंने झरने के नीचे जमा रेत और मिट्टी को बाहर निकालकर, उसे बारीकी से छानना शुरू कर दिया. दो दिन की अथक और समर्पित मेहनत के बाद, आखिरकार उन्हें राजकुमारी की खोई हुई कीमती अंगूठी मिल ही गई.

अंगूठी पाकर खुश हुई राजकुमारी
अपनी सगाई की अंगूठी वापस पाकर राजकुमारी क्लेट की खुशी का ठिकाना न रहा. कृतज्ञता से अभिभूत होकर, उन्होंने आदिवासियों को पांच लाख रुपए का इनाम देना चाहा. लेकिन, पातालकोट के आदिवासियों ने एक अद्भुत मिसाल पेश करते हुए इतनी बड़ी रकम लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने राजकुमारी से केवल अपनी दो दिन की मजदूरी के तौर पर 41 हजार रुपए ही स्वीकार किए. उनका कहना था कि राजकुमारी उनकी मेहमान हैं और वे अपने मेहमान की मजबूरी का फायदा नहीं उठा सकते. बल्कि, वे उनकी मदद करके बेहद खुश हैं.

इलाज के लिए आई थी छिंदवाड़ा
आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा ने बताया कि राजकुमारी क्लेट हड्डियों से संबंधित बीमारी से पीड़ित थीं और कई देशों में इलाज कराने के बावजूद उन्हें आराम नहीं मिला था. सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें छिंदवाड़ा में जड़ी-बूटियों से होने वाले आयुर्वेदिक उपचार के बारे में पता चला, जिसके बाद वह भारत आईं. छिंदवाड़ा में आयुर्वेदिक पद्धति से उनका सफल इलाज हुआ. 

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