Republic Day 2022 Tricolour: देश में सिर्फ इन 3 जगहों पर होता है तिरंगा झंडे का निर्माण! जानिए क्या है इसकी वजह?
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Republic Day 2022 Tricolour: देश में सिर्फ इन 3 जगहों पर होता है तिरंगा झंडे का निर्माण! जानिए क्या है इसकी वजह?

Republic Day 2022 Tricolour: महात्मा गांधी के चरखा आंदोलन के दौरान साल 1930 में मध्य भारत खादी संघ की स्थापना की गई थी. इसी खादी संघ के दफ्तर में राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया जाता है. ग्वालियर के खादी संघ के अलावा महाराष्ट्र के मुंबई और कर्नाटक के हुबली में ही राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण होता है. 

Republic Day 2022 Tricolour: देश में सिर्फ इन 3 जगहों पर होता है तिरंगा झंडे का निर्माण! जानिए क्या है इसकी वजह?

प्रशांत मिश्रा/ग्वालियरः देश की विभिन्न सरकारी इमारतों, संस्थानों व अन्य जगहों पर शान से फहराने वाले तिरंगा झंडे के निर्माण में कई बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है. यही वजह है कि देश में आज भी सिर्फ तीन जगहों पर ही तिरंगा झंडे का निर्माण किया जाता है. तिरंगा झंडे के निर्माण के 18 चरण होते हैं. बता दें कि जिन तीन जगहों पर तिरंगा झंडे का निर्माण किया जाता है, उनमें एक ग्वालियर का मध्य भारत खादी संघ भी शामिल है.

बता दें कि महात्मा गांधी के चरखा आंदोलन के दौरान साल 1930 में मध्य भारत खादी संघ की स्थापना की गई थी. इसी खादी संघ के दफ्तर में राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया जाता है. ग्वालियर के खादी संघ के अलावा महाराष्ट्र के मुंबई और कर्नाटक के हुबली में ही राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण होता है. इन तीनों जगह को आईएसओ सर्टिफाइड लैब से मान्यता मिली हुई है. राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण में नियमों का पालन बेहद आवश्यक है. यही वजह है कि सिर्फ तीन जगहों को ही इसके निर्माण की अनुमति है. 

इन्हीं तीन जगहों पर तैयार राष्ट्रीय ध्वज गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर देश के विभिन्न स्थानों पर पहुंचाए जाते हैं. ग्वालियर स्थित मध्य भारत खादी संघ को तो राष्ट्रीय ध्वज निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है. राष्ट्रीय ध्वज में उपयोग होने वाली रस्सी और उसमें लगने वाले गुटके आदि का भी विशेष महत्व है. इसे खास तरह से ध्वज के लिए डिजाइन किया गया है.

राष्ट्रीय ध्वज के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले रंगों की भी लैब में कई चरणों में टेस्टिंग की जाती है ताकि उसके रंग आदि निर्धारित मानकों के अनुसार रहें. इसका अलावा ध्वज की कटाई, सिलाई और झंडे का नाप भी मानकों के अनुरूप ही रखा जाता है. ग्वालियर के मध्य भारत खादी संघ में कई सालों से राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण हो रहा है और इसे आईएसओ सर्टिफिकेट साल 2016 में मिला. यहां झंडे के अलावा खादी से जुड़ी वस्तुओं का भी निर्माण किया जाता है. खादी संघ से कई लोगों को रोजगार मिलता है और यह मध्य प्रदेश और पूरे देश के लिए सम्मान की बात है.

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